Book Title: Jain Puran kosha
Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan
View full book text ________________
'परिशिष्ट ,
११२
२१३
११७
१४२
क्र० सं० नाम श्लोक सं० क्र० सं० नाम ४०५. पद्मगर्भ
१८१ ४४६. पुराणाद्य ४०६. पद्मनाभि
१३३ ४४७. पुरातन ४०७. पद्मयोनि
१३४ ४४८. पुरु ४०८. पद्मविष्ठर १३३ ४४९. पुरुदेव ४०९. पद्मसम्भूति १३३ ४५०. पुरुष ४१०. पद्मेश
१३३ ४५१. पुष्करेक्षण ४११. परंज्योति ११०, १११ ४५२. पुष्कल ४१२. परंब्रह्म
१३१ ४५३. पुष्ट ४१३ पर
१०५ ४५४. पुष्टिट ४१४. परतर
१०५ ४५५. पूजाह ४१५. परम
१४२,१६५ ४५६. पूज्य ४१६. परमात्मा
११० ४५७. पूत ४१७. परमानन्द १७०, १८९ ४५८. पूतवाक् ४१८. परमेश्वर
१४९ ४५९. पूतशासन ४१९. परमेष्ठी
१०५ ४६०. पूतात्मा ४२०. परमोदय
१६५ ४६१. पूर्व ४२१. परात्मज्ञ
१८९ ४६२. पृथिवीमूर्ति ४२२. परापर
१८९ ४६३. पृथु ४२३. पराध्य
१४९ ४६४. प्रकाशात्मा ४२४. परिवृढ
१४१ ४६५. प्रकृति ४२५. पवित्र
१४२ ४६६. प्रक्षीणबन्ध '४२६. पाता
१४२ ४६७. प्रजापति ४२७. पापापेत
१३८ ४६८. प्रजाहित ४२८. पारग
१४९ ४६९. प्रज्ञापारमित ४२९. पावन
१४२ ४७०. प्रणत ४३०. पिता
१४२ ४७१. प्रणव ४३१. पितामह
१४२ ४७२. प्रणिधि ४३२. पुण्य
१३५ ४७३. प्रणेता ४३३. पुण्यकृत्
१३७ ४७४. प्रतिष्ठाप्रसव ४३४. पुण्यगी
१३६ ४७५. प्रतिष्ठित ४३५. पुण्यधी
१३७ ४७६. प्रत्यग्र ४३६. पुण्यनायक
१३६ ४७७. प्रत्यय ४३७. पुण्यराशि
२१७ ४७८. प्रथित ४३८. पुण्यरीकाक्ष १४४ ४७९. प्रथीयान् ४३९. पुण्यवाक्पूत १३६ ४८०. प्रदीप्त ४४०. पुण्यशासन
१३७ ४८१. प्रधान ४४१. पुण्यापुण्यनिरोधक १३७ ४८२. प्रबुद्धात्मा ४४२. पुमान्
१४२ ४८३. प्रभव ४४३. पुराण
१९२ ४८४. प्रभविष्णु ४४४. पुराणपुरुष
१४३ ४८५. प्रभास्वर ४४५. पुराणपुरुषोत्तम १३२ ४८६. प्रभु
जैन पुराणकोश : ५०९ श्लोक सं० ० सं० नाम श्लोक सं० ० सं० नाम इलोक सं०
१९२ ४८७. प्रभूतविभव ११८ ५२८. ब्रह्मोद्यावित १०७ ११० ४८८. प्रभूतात्मा
११८ ५२९. भगवान् १४३ ४८९. प्रभुष्णु १०९ ५३०. भदन्त
२१३ १९२ ४९०. प्रमाण
१६६ ५३१. भद्र १९२ ४९१. प्रमामय २०७ ५३२. भद्रकृत्
२१३ १४४ ४९२. प्रवक्ता २१० ५३३. भर्ता
११६ १४४ ४९३. प्रशमाकर १६३ ५३४. भर्माभ
१९७ २०१ ४९४. प्रशमात्मा
१३२ ५३५. भव २०१ ४९५. प्रशान्त १८६ ५३६. भवतारक
१४९ ११२ ४९६. प्रशान्तरसशैलूष
५३७. भवान्तक
११७ १९१ ४९७. प्रशान्तात्मा
५३८. भवोद्भव १३६ ४९८. प्रशान्तारि
५३९. भव्यपेटकनायक २०८ १११ ४९९. प्रशास्ता
५४०. भव्यबन्धु
१०४ १११ ५००. प्रष्ठ
५४१. भाव १११ ५०१. प्रसन्नात्मा
५४२. भास्वान्
११७ १९२ ५०२. प्रांशु
५४३. भिषग्वर १२६ ५०३. प्राकृत १६८ ५४४. भुवनेश्वर
११३ २०३ ५०४. प्राग्रहर
५४५. भुवनैकपितामह १९६ ५०५. प्राग्य १५० ५४६. भूतनाथ
११८ २१३ ५४७. भूतभव्यभवद्भर्ता १२१
१६६ ५४८. भूतभावन ११३ ५०८. प्राणतेश्वर १६६ ५४९. भूतभृत्
११७ २०१ ५०९. प्राणद १६६ ५५०. भूतात्मा
११७ २१३ ५१०. प्राप्तमहाकल्याणपंचक १५५ ५५१. भोक्ता
१०० १६६ ५११. प्रेष्ठ
१२२ ५५२. भ्राजिष्णु १६६ ५१२. बंहिष्ठ
१२२ ५५३. मंगल १६६ ५१३ बन्धमोक्षज्ञ २०८ ५५४. मनीषी
१७९ ११५ ५१४. बहुश्रुत १२० ५५५. मनु
१७१ १४३ ५१५. बालाकाभ
१९८ ५५६, मनोज्ञांग २०३ ५१६. बुद्ध
१०८ ५५७. मनोहर १५० ५१७. बुद्धबोध्य १४५ ५५८. मन्ता
१५८ १७२ ५१८. बुद्धसन्मार्ग २१२ ५५९. मन्त्रकृत्
१२९ २०३ ५१९. बृहबृहस्पति १७९ ५६०. मन्त्रमूर्ति
१२९ २०३ ५२०. ब्रह्मतत्वज्ञ १०७ ५६१. मन्त्रवित्
१२९ २०० ५२१. ब्रह्मनिष्ठ १३१ ५६२. मन्त्री
१२९ १६५ ५२२ ब्रह्म योनि १०६ ५६३. मलन
२०९ १०८ ५२३. ब्रह्मविद्
१०७ ५६४. मलहा ११७ ५२४. ब्रह्मसम्भव १३१ ५६५. महर्षिक
१४५ १०९ ५२५. ब्रह्मा १०५ ५६६. महर्षि
१५९ १८१ ५२६. ब्रह्मात्मा
१३१ ५६७. महसांधाम १०० ५२७. ब्रह्मेट १३१ ५६८. महसांपति
१५८
१६५ ५०६. प्राज्ञ १६५ ५०७. प्राण
११७
१८२ १८२
१८६
१५९
Jain Education Intemational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576