Book Title: Jain Puran kosha
Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan
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परिशिष्ट
जैन पुरागकोश : ५२९
क्र.सं. नाम बन
सन्दर्भ
१६.
गोधा
१८.
चन्दन चम्पक चारणचरित चारणप्रिय चैत्रवन ज्योतिर्वन दण्डकारण्य दशार्णक
दुर्जय
देश का नाम
राजधानी १२. वत्सकावती
प्रभंकरा १३. रम्या
अंकावती १४. रम्यका
पद्मावती १५. रमणीया
शुभा १६. मंगलावती
रत्नसंचया १७. पद्मा
अश्वपुरी १८. सुपमा
सिंहपुरो १९. महापद्मा
महापुरी २०. पद्मावती/पद्मकावती विजयापुरी २१. शंखा
अरजा २२. नलिना नलिनी
विरजा २३. कुमुदा
अशोका २४. सरिता
वीतशोका २५. वप्रा
विजया २६. सुवप्रा
वैजयन्ती २७. महावप्रा
जयन्ती २८. वप्रकावती
अपराजिता २९. गन्धा
चक्रा ३०. सुगन्धा
खड्गा/खंगा ३१. गन्धावत्सुगन्धा गन्धिका अयोध्या ३२. गन्धमालिनी
अवध्या ___मपु० ६३.२०८-२१८, हपु० ५.२४४-२५२, २५७-२६६
२७.
२८.
३१.
३५. ३६.
देवरमण धान्यकमाल नन्दन नन्दिघोष नागरमण नारिकेलवन निकुंज नील पाण्डुक पुष्पवन प्रकीर्णक प्रियंखुखण्ड प्रीतिकर भद्रशाल भीमवन भूतरमण भूतवन मधुक मनोहर मन्दारुणारण्य महाकाल मेखला
मपु० ७०.४३१ मपु० ६२.४०९ मपु० २२.१६३ पपु० ६.१२६-१३१ पपु० ४६.१४१-१४३ मपु० ६९.५४ मपु० ६२.२२८ मपु० ७५.५५४ मपु० २९.४४ हपु० ४७.४३ हपु० ५.३६० मपु० ४६.९४ मपु० ५.१४४ मपु० ७२.३-१४ हपु० ५.३०७ मपु० ३०.१३-१४ पपु० ८५.६३ मपु०६७.४१ हपु० ५.३०८-३०९ पपु० ७.१४६ पपु० ४६.१४३-१४६ मपु० ५९.२७४ मपु० ५९.२-७ मपु० ५.१८२ मपु० ५९.११६ हपु०८५.३०७ मपु० ४७.६५-६७ मपु०६२.८६-८७ मपु० ५२.५१ पपु० ८.२४ हपु० ३३.१०२ पपु०८.४५२-४५३ हपु० ६२.१३-१५ हपु० २१.१०२-१०३ पपु० ८५.१४७-१६३ मपु०४६.१९-२० हपु० ४५.६९ मपु०६६.४७ मपु० ६२.३७९-३८० हपु० ५.३९७-४२२ पपु० ४६.१४१ मपु० ५४.२१६-२१७
३८.
४०.
क्र०सं० नाम बन १. अक्षयवन
अशोक
४३. ४४.
४६.
आम्र उपपाण्डक उपसौमनस उल्कामुख कपित्थ कालंजर कालक कालिंगक
४८.
विजय
सन्दर्भ पपु०५४.७२ मपु० ७५.६७६-६७७,
२२.१८० मपु० २२.१६३, १८३ हपु० ५.३०९ हपु० ५.३०८ मपु० ७०.१५६ मपु० ७५.४७९ पपु० ५९.१२ मपु० ५९.१९६ मपु० २९.८२ मपु०७४.३८९-३९० हपु० ६२.१५-६१ मपु० ७२.१२० मपु०७४.३०२-३०४ मपु० १२.५१-५३
५२.
कुटज
वेत्रवन शल्लकी शिवंकर श्लेषमान्तक श्वेतवन सभूतरमण सप्तपर्ण समुच्चय सर्वतुक
५४.
कौशाम्ब क्षीरवन खण्डवन खदिर
५७.
६७
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