Book Title: Jain Puran kosha
Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan

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Page 557
________________ बेन पुराणकोश : ५३९ मूलबीर्य मातंग कालश्वपाकी शावर हपु० ४६.९ शीतदा मपु० ६२.३९८ शीतवेताली मपु० ४७.५२-५४ शुभप्रदा मपु० ७.३२७ शेमुषी पपु १०.१७ श्रीमत्कन्या मपु० ६२.३९६ षडंगिका मपु० ६२.३८६ संग्रहणी मपु० ६२.३९४ संग्रामणी मपु० ६२.३९३ संवाहिनो पपु० ७.३२६-३३२ समाकृष्टि पपु० ७.३२८ सर्वकामानन्दा पपु० ७.२६४-२६५ सर्वविद्याप्रकर्षिणी हपु० २२.६२ सर्वविद्याविराजिता हपु० २२.६४ सर्वार्थसिद्धा हपु० २२.७०-७३ सर्वाहा पपु० ७.३३३ सवर्णकारिणी हपु० २२.७१-७२ सहस्रपर्वा हपु० २२.६७-६९ सिंहवाहिनी मपु० ६२.२५-३० सिद्धार्था पपु० ७.३३४ सुरध्वंसी पपु०७.३२६ सुरेन्द्रजाल मपु० ७२.११२-११५ सुविधाना पपु० ७.३२७ स्तम्भिनी पपु० ५२.६९-७० हारी हपु० २२.६३ विद्याधर-जाति-भेद विद्याधर जातियां सन्दर्भ गौरिक हपु० २२.७७ मनु गान्धार मानव कौशिक हपु० २२.७८ भूमितुण्ड मूलवीर्यक हपु० २२.७९ शंकुल पाण्डुकेय काल श्वपाकज मातंग पार्वतेय वंशलालय गण हपु० २२.८२ पांशुमूलिक हपु० २२.८२ वार्शमूल हपु० २२.८३ आर्य विद्याधर जातियांगौरिक हपु २६.६ गान्धार हपु० २६.७ मानवपुत्रक हपु० २६.८ मनुपुत्रक हपु० २६.९ हपु० २६.१० अन्तभूमिचर हपु० २६.११ शंकुक हपु० २६.१२ कौशिक हपु० २६.१३ मातंग विद्याधर जातियां हपु० २६.१५ श्मशाननिलय हपु० २६.१६ पाण्डुक हपु० २६.१७ हपु० २६.१८ श्वपाकी हपु० २६.१९ पार्वतेय हपु० २६.२० वंशालय हपु० २६.२१ वाक्षमूलिक हपु० २६.२२ विद्याधर वंश अकारादि क्रम में इस वंश के निम्न राजाओं के नामोल्लेख मिलते हैंक्र० सं० नाम राजा सन्दर्भ अंशुमान् हपु० २२.१०७-१०८ २. अंशुमाल मपु० ५९.२८८-२९१ अर्कचूड पपु० ५.५३ अर्कतेज मपु० ६२.४०८ अश्वधर्मा पपु० ५.४८ अश्वायु पपु० ५.४८ अश्वध्वज पपु० ५.४८ आदित्यगति मपु० ४६.१४५-१४६ इन्दुगति पपु० २६.१३०, १४९ पपु०५.५० उडुपालन पपु० ५.५२ एकचूड पपु० ५.५३ कनकपुख मपु० ७४.२२२ कनकोज्ज्वल मपु० ७४.२२१-२३२ कालसंवर मपु० ७२.४८-६० कुरुविन्द मपु० ५.८९-९५ पपु० ५.५० हपु० २२.८० १२. १३. १४. हपु० २२.८१ १६. Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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