Book Title: Jain Puran kosha
Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan
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५५०: ग-पुराणकोश
नाम
शब्ब भव
१० सं० ३८५
वृषभसेन वेत्रवन वैजयन्त
भेंट
भेड़
३९२ ३९४
व्यवहारपल्योपगम व्यायामिक शंखपुर शक्टामुख शक्राशनि शतबाहु शान्तिनाथ
३९५ '४००
अशुद्ध अंश
शुख अंश भागभूमि
भोगभूमि टकण
टंकण
भेंट श्राकान्ता
श्रीकान्ता भंड़ तसरा
तीसरा सप
नृप
२३.३ याद्धा
योद्धा था
आर्य पापु० ५.१०२-१०५, ११६-१२९ पापु० ५.१०२-१०५ ११६-१२९ मपु०८.६७५-६७७
मपु० ६८.६७५-६७७ ७१.२०२-२०४
मपु० ७१.२०२-२०४
थी सधि
संधि हपु० ३६.५७, ६१.४० हपु० ३६.५७, ६१, ६१.४० मपु० २२.१९९-२०४ सप्तपर्ण, मपु० २२.१६३, १९९
२०४ मपु० ३९ ५६
मपु० ३९.५६
थी
आय
शारंग
'४०१ ४०६ ४०९
शूरदेव
श्रीदत्ता संधि सत्यभामा सप्तवर्ण
४२३ ४२५
'४२६ ४२६
का
को
४२९
. سه سه
पपु० २११, २-१४
'४३१
प
'४३४
له م
'४३८
समय समाकृष्टि सर सर्वसार सर्वार्थ सहस्रायुध सहस्रार सासादन साहसगति सिंह सिंहवाहन सिद्धार्थ सुदर्शन सुबाहु सुभान
م م م م
४४० ४४२ ४४८ ४५३ ४५४
मपु० १९२-९१३ क्षमकर हपु० ६, ३८ हपु० ३.६० उषसे वसुदेय लान्तप शपथ थी हपु० ११, ५७ हपु०१२.५८ मपु० १७५-१७५ हपु० ५८.७, ६९ महीपाल का श्रावस जाम्बवता इसका रानी निद्या अहभिन्द्राय
पपु० २१, १२-१४ पपु० मपु० १९२-१९३ क्षेमंकर हपु० ६.३८ हपु० ३.८० उससे वसुदेव लान्तव शपथ ली थी। हपु० ११.५७ हपु० १२.५७ हपु० १७४.१७५ हपु० ४८.७, ६९ महोपाल को श्रावण जाम्बवती इसकी रानी
४५५
सुभोमकुमार सुमति
सुमित्र सुरेन्द्रजाल सुरेन्द्रमन्त्र
विद्या
अहमिन्द्राय
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