Book Title: Jain Puran kosha
Author(s): Pravinchandra Jain, Darbarilal Kothiya, Kasturchand Suman
Publisher: Jain Vidyasansthan Rajasthan
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परिशिष्ट
नाम पुराण पाण्डव पु०
सन्दर्भ पर्व इलोक संख्या
१९४
१८. १९. २०.
२४.
नाम दुःकर्ण दुःश्रव वरवंश अवकीर्ण दीर्घदर्शी सुलोचन उपचित्र विचित्र चारुचित्र शरासन दुर्मद दुःप्रगाह युयुत्सु विकट ऊर्णनाभ सुनाभ नन्द उपनन्दक चित्रवाणि चित्रवर्मा सुवा दुविमोचन
३१.
५३४ : जैन पुराणकोश स्वर भेद
क्रमांक १. षड्ज २. ऋषभ ३. गान्धार ४. मध्यम १५. ५. पंचम ६. धैवत ७. निषाद
पपु० १७.२७७ हपु० १९.१५३ षड्जग्राम की जातियाँ १. षाड्जी २. आर्षभी ३. धैवती ४. निषादजा ५. सुषड्जा ६. उदोच्यवा ७. षड्जकैशिकी ८. षड्जमध्या
२१.
हपु० १९.१७४-१७५ षड्जग्राम की मूच्र्छनाएँ
२३. १. उत्तरमन्द्रा २. रजनी ३. उत्तरायता ४. शुद्धिषड्जा ५. मत्सरीकृता ६. अश्वक्रान्ता ७. आभिरुद्गता
२६.
हपु १९.१६१-१६२ मध्यमाश्रित जातियाँ १. गान्धारी २. मध्यमा ३. गान्धारोदीच्यवा
३०. ४. पंचमी ५. रक्तगान्धारी ६. रक्तपंचमी ७. मध्यमोदीच्यमा ८. नन्दयन्ती ९. कर्मारवी १०. आन्ध्री ११. कैशिकी
हपु०-१९.१७५-१७७ मध्यम ग्राम को मूर्छनाएं १. सौवीरी २. हरिणाश्चा ३. कलोपनता ४. शुद्धमध्यमा ५. मार्गवी ६. पौरवी ७. हृष्यका
__हपु० १९.१६३-१६४
___३८. राजा धृतराष्ट्र और रानी गान्धारी के सौ पुत्र क्रमांक नाम नाम पुराण सन्दर्भ पर्व श्लोक दुर्योधन पाण्डव पु०
१८७-१९१ दुःशासन
१९२ दुघर्षण
१९३४५. रणश्रान्त समाध
४७. विद सर्वसह अनुविन्द सुभीम सुबाहु दुःसह
पाण्डव पु०
अयोबाहु
महाबाहु श्रुतवान् पद्मलोचन भीमबाहु भीमबल सुसेन पण्डित श्रुतायुष
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सुवीर्य
दण्डधार महोदर चित्रायुध
निषंगी पाश वन्दारक शत्रुजय शत्रुसह सत्यसन्ध
दुःशल सुगात्र
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