Book Title: Jain Muni Jivan ke Vidhi Vidhan
Author(s): Vardhmansuri, Sagarmal Jain
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 4
________________ ग्रन्थ नाम वर्धमानसूरिकृत 'आचारदिनकर' द्वितीय खण्ड जैनमुनि जीवन के विधि-विधान अनुवादक पूज्या समतामूर्ति श्री विचक्षण श्री जी म.सा. की प्रशिष्या एवं साध्वीवर्या हर्षयशा श्री जी की शिष्या साध्वी मोक्षरत्ना श्री जी सम्पादक डॉ. सागरमल जैन प्रकाशक प्राच्य विद्यापीठ, दुपाड़ा रोड़ शाजापुर (म.प्र.) अर्थ सहयोग - श्री श्वेताम्बर जैन श्रीमाल सभा, मोती डूंगरी रोड़, जयपुर प्राप्ति स्थल - (१) डॉ. सागरमल जैन, प्राच्य विद्यापीठ, दुपाड़ा रोड़, शाजापुर (म.प्र.) ४६५००१ (२) सरस्वती पुस्तक भण्डार, हाथीखाना रतनपोल - अहमदाबाद (गुजरात) (३) श्री श्वेताम्बर जैन श्रीमाल सभा, मोती डूंगरी रोड, जयपुर प्रकाशन वर्ष - प्रथम संस्करण, फरवरी २००६ मूल्य रू. ५०/- पचास रूपया Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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