Book Title: Jain Marriage Ceremony Gujarati Author(s): Publisher: Pallavi and Dilip Mehta View full book textPage 8
________________ RAA हवेथि.हीस्तिनांभातुश्री पधवीमहेनसने थि. नऊला भातुश्री हीधिष्ठान वरन्थाने भंगलतिरशे. घायलजन, वरन्याने हाथे भीठण जांधशे. लम्तिमन, यारेय भाता-पिताने भए Bis पवित्र रक्षापोटली जांधशे.आ विधिवेणा हवे भंगलतिलऽना श्लोड गवाशे. || भंगलतिल|| भंगलं लगवान वीरो, भंगलं गौतम प्रभुः । भंगलं स्थूटिभद्राधा, न धोस्तु भंगलम् ।। नाले साधा विनाः सर्वेः लरताधाश्य यष्ठितः । पूर्वन्तु भंगलं सर्वे, विषयावः प्रतिविण्यावः ।। भरध्वी त्रिशलाधा विज्याता बिनभातराम । त्रिगत् निता नंहा, भंगलाय लवतुं मे ।। यडेश्वरी सिद्धाथिष्ठा, भुण्याः शासनवता । सभ्यगार्शा विघ्नहराः स्ययंतु य श्रीयम् ॥ (लावार्थ : लगवान महावीर स्वामी भंगण३प हो, श्री मोतम स्वामी भंगण३प हो, स्थूटिलद्राहि भुनिसो भंगला३प हो अनेन धर्म भंगलप हो. पलवबारे सर्वे तीर्थरलगवंतो तथालरत महारावगेरे यवतींसो, वासुध्यो भने प्रतिवासुदेवो सवें भंगा३प हो. Vठो रगतने आनंह अर्घनार तीर्थर प्रलली भातासो श्री भदेवीथी। मारलीने त्रिशलाभाता सुधीली भातासो भाएं इल्यास रो.. यश्वरी देवी रनले सिद्धायिठा टी वगेरे शासन मधिलाधर भुन्भुण्य सभ्यष्टि ध्व-हेवीओ भा विघ्नो हर रो भने नयलाओ साधी । KOU MONTS 1OM ONGPage Navigation
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