Book Title: Jain Katha Kosh
Author(s): Chatramalla Muni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh prakashan

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Page 404
________________ विहरमान द्वीप क्षेत्र विजय नगरी सर्वायु विहरमान द्वीप क्षेत्र विजय नगरी पिता विहरमान द्वीप क्षेत्र विजय नगरील पिता १६. नेमिप्रभ स्वामी सोलहवें पिता माता चिह्न पत्नी गृहस्थवास अर्धपुष्करवरद्वीप पश्चिम महाविदेह नलिनावती वीतशोका चौरासी लाख पूर्व वर्तमान में तीर्थंकर पर्याय में आप नलिनावती विजय में विचर रहे हैं । १७. वीरसेन स्वामी सत्रहवें माता चिह्न पत्नी विहरमान द्वीप अर्धपुष्करवरद्वीप पूर्व महाविदेह पुष्कलावती पुण्डकरीकिणी भूमिपाल १८. महाभद्र स्वामी गृहस्थवास सर्वायु अठारहवें माता पुष्करार्द्धद्वीप चिह्न पत्नी पश्चिम महाविदेह 3 गृहस्थवास सर्वायु जैन कथा कोष ३८७ १६. देवयज्ञ स्वामी महाराजा वीर महारानी सेनादेवी सूर्य मोहिनी तिरासी लाख पूर्व वपु विजया देवराय वर्तमान में तीर्थंकर पर्याय में आप वपु विजय में विचर रहे हैं । माता उन्नीसवें पुष्करार्द्धद्वीप चिह्न भानुमती वृषभ राजसेना तिरासी लाख पूर्व चौरासी लाख पूर्व उभया हाथी सूर्यकान्ता तिरासी लाख पूर्व चौरासी लाख पूर्व गंगादेवी चन्द्र

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