Book Title: Jain Katha Kosh
Author(s): Chatramalla Muni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh prakashan

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Page 411
________________ ३६४ जैन कथा कोष 8. सुभूम अठारहवें तीर्थकर अरनाथ व उन्नीसवें तीर्थकर मल्लिनाथ के अन्तराल में । 9. पद्म बीसवें तीर्थकर मुनिसुव्रत के समय में 10. हरिषेण इक्कीसवें तीर्थकर नमिनाथ के समय में 11. जयसेन नमिनाथ व अरिष्टनेमि के अन्तराल में 12. ब्रह्मदत्त अरिष्टनेमि व पार्श्वनाथ के अन्तराल में। तारक तीर्थंकरों का काल और बलदेव, वासुदेव आदि बलदेव वासुदेव प्रतिवासुदेव समय १. अचल त्रिपृष्ठ अश्वग्रीव श्रेयांसनाथ के काल में २. विजय द्विपृष्ठ वासुपूज्य के काल में ३. सुधर्म स्वयंभू मेरक विमलनाथ के काल में ४. सुप्रभ पुरुषोत्तम मधुकैटभ अनन्तनाथ के काल में ५. सुदर्शन । पुरुषसिंह . निशुम्भ धर्मनाथ के काल में ६. नन्दी पुरुषपुण्डीक बलि अरनाथ व मल्लिनाथ के अन्तराल में ७. नंदिमित्र दत्त प्रहलाद अरनाथ व मल्लिनाथ के अन्तराल में ८. राम मुनिसुव्रत व नमिनाथ के अन्तराल में ६. पद्म बलभद्र कृष्ण जरासन्ध नेमिनाथ के तीर्थकाल में। लक्ष्मण रावण .

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