Book Title: Jain Granth Prashasti Sangraha
Author(s): Parmanand Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 347
________________ जैनग्रन्थ-प्रशस्ति-संग्रह ११६ २५ ११८ परिशिष्ट नं. ६ कामह कामराय बुह ११७ प्रशस्ति संग्रह में उल्लिखित प्राचार्य, कामराय पंडित विद्वान और भट्टारक कालिदास (कवि) ८, १७, १६, २५ कित्तिहर (कीर्तिधर) अंधसेन १२६ अंबदेव ५६ कुन्दकुन्दाचार्य ८, १३० मम्बसेन गणी ३५ कुन्दकुन्द गणि ३७, ११६, १२० अम्बसेन (मुनि) १५ कुन्दकुन्द गणिणा प्रम्बसेन (गुरु धवल कवि) १२ कुमारसेन अम्बाइय २६ कुमुयचन्द्र (कुमुदचन्द्र) २३, १३३ प्रम्बादेवी ३८ कुलभूषण १०६ प्रकलंक ८, १७, २५, ११३ कुलभूषण मुनि अनंतवीर्य ८ कुसुमभद्र (मुनि) अपराजित २, १२, ४२ कोतुहल (कौतुहल) मभयचंद २१ खेता (पंडित) ११७, ११८ मभयनंदी २३ खेमकित्ति (क्षेमकीर्ति) ५७,७१ अमरकीति १३, १४, १५, ५५, ५६ गंगाराम अमरसेन १४ गंड विमुक्त पमितगति (महामुनि) १४ गुणकित्ति (गुणकीति मुनि) ३, ४५, ६७, ७३, ७७, प्रमियचंब (अमृतचंद मलधारिदेव) ८०,९८, ६१, ६२, १२९ मल्हू कवि १११ गुणकीर्ति . ८,४१, ४३, ५० मसग कवि १२, ३५ गुणभद्द (गुणभद्र) १०४, १०५ पसवाल १२० गुणभद्र ८, २५, ४१, ६८ मसवाल (बुह) १२६ गुणभद्र प्राचार्य १०४ २ गुणभद्र मुनि (मलयकीति शिष्य) इंद्रादि महाकवि ११३ गुणभद्र मुनीश्वर ईसरदास १३४ गुणभद्र सूरि ५१, ११३, ११४ उदयकीति ८ गुणाकरकीति उदयचन्द १०९, ११. गोविन्द कवि उदय मुणीतर १०. गोविन्द कवि (श्वे.) । १२ कंसाचार्य कउति (पंडित) २१८. घउमुह (चतुर्मुख) १, २, ४, ८, ११, १२, १७, १९, कनकानिति (मुनि) २५, ३५, ६६, ८२, ११॥ कमलकित्ति (कमलकिति) ८८,६१, ६३, १५, ६७ चंदकित्ति कमलकित्ति (कंजकित्ति) ८९ पनातीनि (चनकीति) - . २२ १०॥ १३. १४

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