Book Title: Jain Granth Prashasti Sangraha
Author(s): Parmanand Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 361
________________ १२६ १२८ ६ राणू ५२०५३ १४५ वीरसेवा मंदिर प्रन्यवाला रयणु (छठा पुत्र करमू पटवारी) ६३ रोहिणेउ रयणु परि० नं०१ १४ लक्खण (लक्ष्मण) रयणुवाल (पुत्र सोढुसाहु) ३० लक्खरण पंडित रल्हणासु २२ लक्खणसिरि (लक्ष्मणश्री) रल्हो परि० नं०१ १४३ लक्खरणेह राउलु १४० लक्खणंका राजेंहि (राजकुमार या राजसिंह) ९० लक्खणीह (लखणसीह चौधरी) ७ लक्खणु राम ५८ लक्खणु परि०२ राम गरुव परि०२ १४६ लक्खू (अग्रवाल संघाधिप) रामचंदु (चन्द्र) परि०२ १४५ लखमएउ पुत्र लक्ष्मण रामचन्द (पुत्र अभयचन्द) ३६ लखमएव (लखमदेव) रामणंदि २६ लखणसिरि परि०२ रामपुत्त परि०२ १४६ लखमदेउ • रामभद्द २० लखमणु (लक्ष्मण) रामयंदु (रामचन्द्र) परि० ३ १५१,१५२ लखमण रामहु ७४ लच्छीहरू (लक्ष्मीधर) १०२ रामाही ६. लडहंग (द्वि० पत्नी) प०२ रामवल्लह १२६ लल्ला (लालचंद्र सुपुत्र हंसराज) प०२ रायम १८८ लहुराइ प०२ रायमल्लु (राजमल्ल) ६० लाखू रायवहु ११८ लाडणु रायसिरि (राजश्री गेहणी प्रासकण्णु) लाडो पृ०२, १४८,१४६ लाहा साहु (सुपुत्र लक्खू साहु) रामसेट्टि (राजश्रेष्ठी) लीलावइ (लीलावती) रावण लूणाही रावरणधी ११६ लोणासाहु रावणु २० लोणासिंह राहव (राघव) ४६,७६ लोहगु (सोणपाल पुत्र) राहव साहु ४८ लोहडु प०२ राहुल परि० १ १४३ लोहव रिसराम (ज्येष्ठपुत्र नेमिदास) १०० लोहाडिउ रुप्पिणि परि०२ १४५ - लोहिड्डु प०२ रूपचन्द परि०३ १५. बच्छराज रूपा (घ० प० साहु कमलसीह) ६४ बच्छराजही रूले (साह) पुत्र श्रीधर साहु १२ वल्लहराय (बल्लभराज) १४ १४५ ८८,८६ ८६,९. १२९ ७६ १४६

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