Book Title: Jain Granth Prashasti Sangraha
Author(s): Parmanand Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 358
________________ १७०] दिवचन्दही (पत्नी हरसी साह) दिवदासु दिवराउ [दिवराज ] दिवराज चौधरी दिवराज [पुत्र बाबूसाहु] दिवराज साहु दिवराजही दिव्यराजही [भा० लाहुसाहू ] दीवा दीवा [ देवी ] माता माणिक हृद दे [ द्वितीय भार्या ] देदासा हु दाहि [देदाभिधान ] देहा देवs [ भार्या भोजराज ] देव [पितासिद्ध कवि ] देवदातु देवदासु देवपाल [ कामराय पुत्र | देवपालु [रा [] देवराज देवराय देवराय संघाधिप देवसिरि देवसह caret [ भार्या लक्खूसाहु] देवाही दोश [माहु] दाही [पत्नी जोजा ] दोदाही [ भार्या साहू हरिसी ] चन्दही [ भार्या साहू हरिसी ] द्रोण [पुत्र खड्ढा ] धरण कुमार याही [भोज्जूमाता ] घज़राउ [ज] चणराज वीरसेवासविर ग्रन्थमाला १२२ घणसिरि ६० घणसी YE ६४ १२७ .६०, १२७ ५६०६४ ५६ घण ' ५७ ६० ६१ ६६ ४३ ८७ २१ ५३ १०३, १०५ [धर्म प० खेऊसाहु ] घणीर धोवइ [धणवतो ] धारण [ ७वां पुत्र] ७६ बील्हा [ पत्नी पाल्हासाहु ] ८२ घे नाही [ पत्नी बील्हासाहु] : १०० .७५ ८६ श्री [ भार्या ऊसाहु] मंग [धर्मा पुत्र ५ व] ६० ६०, ११३ ६० ११५ धम्मदास [ धर्मदास ] घरही [ पत्नी छीतमु ] धामाही [ धर्मप० सहदेव ] नट्टल [गट्टलुसाहु] ३रा. पुत्र साहु जेजा [लघुपुत्री ] ११८ नागराज [ नागराज ] ५३ नागराज ५६ ८२ १२५ नयरू नरपति [ ३रा पुत्र ] नरपति श्रावक ૪૨ नारायण ६७ नाल्हाही [ पत्नी भोपासाह] .१०० प्रिदास [संघाधिप ] पंचायगु ( ५वां पुत्र) पाय ( माता सिद्ध कवि ) पउमा (पद्मा) पउमिणि (पद्मिनी) माता स्वयंभूवेव नाथू साहु नानिगही पजरण साहु पदमसीह पदमासाहु परसा हिमान ७८ ३८ ६१ ५३ ११५ ६.५ पहराज (पु० खेऊसाह पल्हरणु (१ पुत्र हेमराज ) पल्हाउ (तृतीय पुत्र सोमदेव) पहराज १२५ १२३ १२६ ७६ ८१ ७४ ६६. १३१ ६८ ६८ ३६ ६० ३६ ૪૭, ૪૬ لو ५५ ५३ ૬૪ ६०. ५३ ७६, ८३ ११५, १२३ Ye 50 £5 ५३ २१ १२८ १ ७१,७६, ८०, ८३ ८६ १० १२८ .Yo ३३ ६६, ७५ ७६

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