Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रस्तावना. जैनधातु प्रतिमा लेख संग्रह धारवा करतां मोडो बहार पडे छ धातु प्रतिमाओना लेखोथी ते ते कालना आचार्यो, देश, नगर, जैनधर्म वगैरेनी स्थितिनुं ज्ञान याय छे. बीजा भागना लेखोमा जे जे गामोनां नगरोनां नामो आन्यां छे ते जूदां लखीने जणाववामां आव्यां छे. वि. सं. एक हजार वर्षनी पूर्वना धातुप्रतिमाना लेखो मळ्या नथी. वि. सं. एक हजारथी ते ओगणीससेनी साल सुधीना लेखो मळी शके छे. धातुप्रतिमा लेख संग्रह पहेला भागमा चोपन गामोना लेखोनुं लीष्ट छे अने बीजा भागमां गामनगरनां बार नाम छे. बधां मळी ६ ६ थाय छे, अमदावाद, पाटण अने सुरत ए त्रणना संपूर्ण लेखो लेवाया नथी, तेमाथी जे जे पोळनां देरासरना लेखो लीधा छे ते ते आ ग्रन्थमां जणान्या छे. लेखो लखाया ते कालमा जे जे कोमो जैनधर्म पाळती हती तेनुं वर्णन प्रथम भागनी प्रस्तावनामां कयु छे तथा ते ते काले जे जे गच्छो हता तेनुं वर्णन पण प्रथमभागमा आप्युं छे अने बीना भागमां पण छेवटे गच्छ अने गच्छना आचार्य तथा सालवार सूचिपत्र आप्यु छे. ते वांचीने वांचको सहेलाइथी लेखोनुं ज्ञान करी शकशे. जैनोनां हजारो देरासरो छे तेमाथी फक्त छासठ नगरगामना लेखो लेवाया छे. हनी तो हजारो लेखो लेवाना बाकी छे अने तेथी जैन इतिहास उपर खलं अजवाळु पडशे. प्रथम भागमा पन्नरसे वेवीश लेख छे अने बीजा भागमां अगियारसो पञ्चाश लेख छे. सर्व मळी छवीसो तोतेर लेखो (वे भागना मळी छे.) हनी तो हजारो धातुप्रतिमाओना लेखो बाकी छे अने पाषाणनी प्रतिमाओना पण हजारो लेखो बाकी के. श्रीविजयधर्मसूरिजी तथा श्रीविनयेन्द्रसूरिजी, पुरातत्त्व मंदिरना For Private And Personal Use Only

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