Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 2 Author(s): Buddhisagar Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal View full book textPage 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मागना लेखोमां जे जे भूलो रही गई हशे ते संबंधी विद्वानो सूचनाओ आपशे तो द्वितीयावृत्तिमां तेओनो सुधारो करवामां आवशे. धातु पाषाण प्रतिमाओना घणा हजारो लेखो लेवाय तो ते उपर प्रस्तावनामां लखी अनवाळु पाडी शकाय. अध्यात्मज्ञान प्रसारक मंडलने गृहस्य धनवंत जैनो मदद करशे तो ते द्वारा आगळ तुर्त कार्य शरु करवामां आवशे. इत्येवं ॐ अहँ महावीर शान्तिः ३ मु. पेथापुर (गुजरात) वि. सं. १९८० श्रावण पूर्णिमा.) ले. बुद्धिसागर. For Private And Personal Use OnlyPage Navigation
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