Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (१०) नहोतो पण तेमनां कार्यो हाल जे मौजुद छे ते पुत्रनी पेठे लोकोने उपकारक थइ पडशे. तेमना आत्मामां अनेक सद्गुणो खील्या हता. तेओ यशःकीर्तिना भूख्या न होता पण धार्मिक कार्यो करवाना भूख्या हता. जैनधर्मना पूरा आस्तिक हता. तेमनी पाछळ तेमनी पत्नी छे ते पण आत्मार्थी देवगुरु धर्मसेवा भक्ति करवामां श्रद्धाळु छे. सुश्रावक शा. मणिलाल मोहनलाल पादराकरे झवेरी भुरियामाइ जीवनचंद्रनुं विस्तारथी जीवनचरित लख्युं छे. विशेष जिज्ञासुए ते चरित्र वाचवू. जैनकोममां झवेरी भुरिय,भाइनी अन्य सदनहस्थोनी यादी साथे यादी रहेवानी. झवेरी मुरियाभाइ ओशवाळवंशी उत्तम नररत्न तरीके गणाशे, सुरतमां झवेरी धर्मचंद उदेचंद. झवेरी नगीनदाप्त कपुरचंद, झवेरी नगीनदास झवेर. झवेरी देवचंद लालचंद नगीनदास मंछुभाइ. झवेरी नेमुभाइ मेलापचंद तथा खीमचंदभाइ मेलापचंद तथा झवेरी तलकचंद माणेकचंद वगेरे अमारा समागममां आव्या हता. एवा अनेक दातार नररत्नोनी जीवनी जळवाइ रहे एवी सुरती झवेरीओ कंइक सारी व्यवस्था करशे एवी सूचना करु छ के जेथी भविष्यनी जैनकोमने पोतानो इतिहास उज्जवल देखवानो लाम मळे. हालमां सुरतमां झवेरी जीवण चंद साकेरचंद जैनसाहित्य बहार लाववामां अग्रगण्य भाग ले छे. झवी जीवणचंद धर्मचंदे पोतानी आर्थिक सारी स्थितिमां अनेक विद्यार्थी जैन गरीब बंधुओने सहाय करी छे. सुरत अलबेली नगरी छे ते आवा नर रत्नोने जन्म आप्या करे छे अने भविष्यमा आपशे एम इच्छीए छीए. झवेरी भुरीयामाइना भत्रीजा भाइचंदभाइ जेचंद तथा दयाचंद जेचंदे अमने जीवनचरित्र लखवामां केटलीक हकीकत लखी मोकली छे तेथी तेमने धन्यवाद घटे छे. छेवटे झवेरी भुरियामाइ के जे अमारा भक्त श्रावक हता तेमना आत्माने शांति मळो एम इच्छु छु. इत्येवं ॐ अह महावीर शान्तिः । मु. पेथापुर. श्रावण पूर्णिमा. For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 281