Book Title: Jain Dhatu Pratima Lekh Part 2
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निवेदन. wore श्री अध्यात्मज्ञान प्रसारक मंडळ तरफथी जैनधातुप्रतिमा लेख संग्रह भाग बीजो छपाइने जरा मोडो बहार पाडवामां आवे छे. तिहासिक पंडितोने एमाथी घणुं जाणवायूँ मळशे अने तेथी जैन इतिहास पर घणो सारो प्रकाश पडशे. आ भागमा दिगंबर लेख पण आव्यो छे. हनी जैन पाषाण धातु प्रतिमाओना हजारो लेखो लेवाना बाकी छे. आणंदनी कल्याणजीनी पेढी वगेरे तीर्थरक्षकपेढीओ जो आ बाबतमां सहाय करे तो आ कार्य करवामां आगळ वधी शकाय. धनवंतोए आ तरफ लक्ष आपी मदद करवी जोईए. आ मंडळ तरफथी घगी सस्ती किंमते पुस्तको बहार पडे छे, अने पडशे. आ ग्रन्थ अने प्रथम प्रगट थएल धातु प्र० लेख संग्रह मा. १ ए बन्ने ग्रंथो योगनिष्ठजैनाचार्य श्रीमद् बुद्धिसागरसूरिजी महाराजना परिश्रम अने प्रेरणाथीज प्रगट थयेल छे, एटलुंन नहीं पण तेओश्रीनी शरीर प्रकृति सारी नहीं छतां पण पुस्तको लखवानु काम अविश्रांत पणे सतत चालु राखेल छे तेथी तेओश्रीनो उपकारनो बदलो कोई रीते वाळी शकाय तेम नथी. धन्यवाद. आ ग्रंथ छपाववामां सुरतना मर्तुम झवेरी भुरियामाई जीवणचंद तरफथी रु. ३०१) नी मदद मळेली छे, ते मादे मंडळ तेमनो आभार मानी तेमने धन्यवाद आपे छे अने तेमना स्मरण चिह्न तरीके तेमनुं जीवन चरित्र अने फोटो आ ग्रंथमां दाखल करवामां आवेल छे. पादरा, श्री अध्यात्मज्ञानप्रसारक मंडळ. श्रावण वदि २१ वि.सं. १९८०) वकील मोहनलाल हीमचंद. For Private And Personal Use Only

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