Book Title: Jain Darshan me Samyaktva ka Swarup
Author(s): Surekhashreeji
Publisher: Vichakshan Smruti Prakashan

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Page 277
________________ संदर्भ ग्रन्थचि - उपनिषद् ज्योति भाग । - संपा. पटेल मगनभाई चतुरभाई अहमदाबाद, प्रथमावृत्ति, १९२९. उपनिषद् समुच्चय - संपा. स्वामीशिवानन्दजी अत्रोली : शिवाश्रम, प्रथमावृत्ति, १९६०. उपासक दशांग - अनु. आत्मारामजी म., संपा. शास्त्री डॉ. इंद्र चन्द्र लाहौर: जैनशास्त्रमाला, प्रथमावृत्ति, १९६०. उपासक दशाश्रुतवृत्तिं - अभयदेवसूरि भावनगर : आत्मानंद सभा, १९७७. कर्मग्रन्थ (सीकाश्चत्वार कर्मग्रन्थाः ) - देवेन्द्रमुनि, संपा. चतुरविजय मुनि, भावनगर : आत्मानंद जैन सभा, प्रथमावृत्ति, १९३४. कर्म प्रकृति - नेमिचन्द्रसूरि संपा. शास्त्री हीरालाल बनारस : भारतीय ज्ञानपीठ, प्रथमावृत्ति, १९६४. कर्म प्रकृति - शिवरामसूर, मलयगिरि टीका, अनु. चंदुलाल नानचंद्र पादरा : आत्मज्ञान प्रकाशक मंडल, १९२०. कैलाशचन्द्र कपाय पाहुड ( जयधवला टीका) भाग - १२. - गुणधराचार्य, टी. वीरसेनाचार्य, संपा. फूलचन्द्र मथुरा : भा. दि. जै. संघ चौरासी, प्रथमावृत्ति, १९७१. कुंदकुंद प्राभृत संग्रह - संपा. जैन कैलाशचन्द्र शास्त्री शोलापुर : जैन संस्कृति रक्षक दल, प्रथमावृत्ति, १९६०. २५५

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