Book Title: Jain Darshan me Samyaktva ka Swarup
Author(s): Surekhashreeji
Publisher: Vichakshan Smruti Prakashan

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Page 291
________________ २६९ आनुषंगिक ग्रन्थ विजयानन्द सरि -सम्यक्त्व शल्योद्धार, १९०८ चतुर्थ आवृत्ति दिल्ली : आत्मानंद जैन पुस्तक प्रचारक मंडल । विनोबा भावे -कुरान सार, प्रथम संस्करण, बड़ौदा : यज्ञ प्रकाशन, १९६८. -ख्रिस्त धर्म सार, प्रथमावृत्ति, वडोदरा : यज्ञ प्रकाशन, १९६८. वेलणकर, हरि दामोदर -जिन रत्न कोष, प्रथमावृत्ति, पूना : श्री कृष्णदास, १९४४, लाड, डॉ. अशोककुमार -भारतीय दर्शन में मोक्ष तत्त्व चिन्तन, प्रथम संस्करण, भोपाल : मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, १९७३. . शर्मा, हरबंशलाल -भागवत दर्शन, अलीगढ़ : भारत प्रकाशन मंदिर, १९६३. . शास्त्री, कैलाशचन्द्र .. -जैन धर्म, तृतीय संस्करण, मथुरा : भा दि. जैन संघ १९५५. शाह धीरजलाल टोकरसी ___ - सम्यग्दर्शननुं स्वरूप, श्रद्धा अने शक्ति वडोदरा : मुक्ति कमल .. जैन मोहन ग्रंथमाला, प्रथमावृत्ति १९५२. शाह, नगीन जी. -न्याय-वैशेषिक (षड्-दर्शन ) खण्ड-२, प्रथमावृत्ति अहमदाबाद : युनिवर्सिटी ग्रन्थ निर्माण बोर्ड, गुज. राज्य, १९७४. -बौद्ध धर्म दर्शन, प्रथमावृत्ति, वल्लभ विद्यानगर : सरदार पटेल युनिवर्सिटी, १९७८. -सांख्य-योग (षड् दर्शन ) खण्ड-१, प्रथम संस्करण, अहमदाबाद : युनिवर्सिटी ग्रन्थ निर्माण बोर्ड, गुज. राज्य, १९७३.

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