Book Title: Jain Darshan
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 617
________________ जैनदार्शनिक साहित्य ५८१ अनन्तकीर्ति जीवसिद्धिटीका वादिराजके पार्श्वनाथ( १०वीं) चरितमें उल्लिखित बृहत्सर्वशसिद्धि प्रकाशित लघुसर्वज्ञसिद्धि देवसेन नयचक्रप्राकृत प्रकाशित (९९० वि०) आलापपद्धति वसुनन्दि आप्तमीमांसावृत्ति (१०वी, ११वीं) माणिक्यनन्दि परीक्षामुख (वि० ११वीं) सोमदेव स्याद्वादोपनिषत् दानपत्रमें उल्लिखित, जैन (वि० ११वीं) साहित्य और इतिहास पृ० ८८ वादिराज सूरि न्यायविनिश्चयविवरण प्रकाशित (वि० ११वीं) प्रमाणनिर्णय माइल्ल धवल द्रव्यस्वभावप्रकाश प्रकाशित (वि० ११वीं) प्राकृत प्रभाचन्द्र प्रमेयकमलमाण्ड (वि० ११-१२वीं)( परीक्षामुख-टीका ), न्यायकुमुदचन्द्र (लघीयस्त्रय-टीका), परमतझंझामिल जैन गुरु चित्तापुर आरकाट नार्थके पास अनन्तवीर्य प्रमेयरत्नमाला प्रकाशित (वि० १२वीं) ( परीक्षामुख-टीका ) भावसेन त्रैविद्य विश्वतत्त्वप्रकाश स्याद्वादविद्यालय बनारस (वि० १२-१३वीं) में उपलब्ध

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