Book Title: Jain Darshan
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 623
________________ रामचन्द्रसूरि व्यतिरेकद्वात्रिंशिका (हेमचन्द्र शिष्य) ( १३ वों) मल्लवादि ( १३ वीं) प्रद्युम्नसूरि ( १३ वीं) जिनपतिसूरि ( १३ वीं) रत्नप्रभसूरि ( १३ वीं ) देवभद्र ( १३ वीं) जैनदार्शनिक साहित्य मल्लिषेण ( १४ वीं ) सोमतिलक ( वि० १३९२ ) राजशेखर ( १५ वीं) धर्मोत्तरटिप्पणक वादस्थल नरचन्द्रसूरि न्यायकन्दलीटीका (देवप्रभ शिष्य) ( १३ वीं ) अभयतिलक ( १४ वीं ) प्रमाणप्रकाश प्रबोधवादस्थल स्याद्वादरत्नाकरावतारिका प्रकाशित प्रकाशित पञ्चप्रस्थन्यायतर्क व्याख्या तर्क न्यायसूत्र टीका न्यायालंकारवृत्ति स्याद्वादमञ्जरी पददर्शनटीका स्याद्वादकलिका पं० दलसुखभाईके पास जैन ग्रन्थग्रन्थकारमें सूचित "" "" जैनग्रन्थग्रन्थकारमें सूचित जैन ग्रन्थग्रन्थकारमें सूचित "" "" " 99 प्रकाशित "" "3 ५८७ 99 "" जैन प्रन्थग्रन्थकार में सूचित जैन ग्रन्थग्रन्थकार में सूचित

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