Book Title: Jain Darshan
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 629
________________ २. ग्रन्थसंकेत विवरण अकलङ्कग्रन्थ अकलकग्रन्थत्रय अकलंकग्र० टि० अकलकग्रन्थत्रयटिप्पण अट्ठशालनी धम्मसंगणीकी अट्टकथा अणुभा० ब्रह्मसूत्रअणुभाष्य अनगारध० अनगारधर्मामृत अन्ययोगव्य० अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशतिका अभिधर्मको अभिधर्मकोश अष्टश० अष्टसह० अष्टशती अष्टसहस्यन्तर्गत अष्टसह० अष्टसहस्त्री आचा० आचारागसू० आचाराङ्गसूत्र आदिपुराण महापुराणान्तर्गत आप्तप० आप्तपरीक्षा आप्तमी० आत्ममीमांसा आ०नि० आवश्यकनियुक्ति आप्तस्वरूप सिद्धान्तसारादिसंग्रहान्तर्गत ऋग्वेद ऋग्वेदसंहिता कठोप० कठोपनिषत् काव्या० रुद्र० नमि० काव्यालङ्कार-रुद्रटकृत-नमिसाधुकृत टीका , गोव्जीवकाण्ड, गोम्मटसारजी० गोम्मटसार जीवकाण्ड १. इस ग्रन्थके लिखनेमें जिन ग्रन्थोंका उपयोग किया गया है उनमें जिन ग्रन्थोंके नामोंका 'संकेत' से निर्देश किया है उन्हींका इस सूचीमें समावेश है ।

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