Book Title: Jain Darshan
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
View full book text
________________
जैनदर्शन राजशेखर रत्नाकरावतारिका पञ्जिका
प्रकाशित षड्दर्शन समुच्चय जैनग्रन्थ ग्रन्थकारमें सूचित
न्यायकन्दलीपञ्जिका ज्ञानचन्द्र रत्नाकरावतारिकाटिप्पण प्रकाशित (१५ वों) जयसिंहसूरि न्यायसारदीपिका प्रकाशित (१५ वी) मेरुतुङ्ग षड्दशननिर्णय जैनग्रन्थग्रन्थकारमें सूचित (महेन्द्रसूरि शिष्य) (१५ वीं) गुणरत्न षड्दर्शनसमुच्चयको प्रकाशित (१५ वी) तर्करहस्यदीपिका भुवनसुन्दरसूरि परब्रह्मोत्थापन जैनग्रन्थग्रन्थकारमें (१५ वों) लघु-महाविद्याविडम्बन सत्यराज जल्पमंजरी सुधानन्दगणिशिष्य (१६ वों) साधुविजय वादविजयप्रकरण (१६ वीं) हेतुदर्शनप्रकरण सिद्धान्तसार दशनरत्नाकर (१६ वीं) दयारत्न न्यायरत्नावली ( १७ वीं) शुभविजय तर्कभाषावार्तिक जैनग्रन्थग्रन्थकारम (१७ वीं) स्याद्वादमाला प्रकाशित

Page Navigation
1 ... 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639