Book Title: Jain Darshan
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 626
________________ जैनदर्शन न्यायविन्दु, जैनप्रन्य ग्रन्थकारने प्रमाणरहस्य, यशोविजय मंगलवाद, वादमाला, वादमहार्णव, विधिवाद, वेदान्तनिर्णय, सिद्धान्ततर्क परिष्कार, सिद्धान्तमअरी टीका, स्याद्वादमञ्जूषा, ( स्याद्वादमारीकी टोका), दन्यपर्याययुक्ति यशस्वत् सागर जैनसप्तपदार्थी प्रकाशित (१८वीं) प्रमाणवादार्थ जैनग्रन्य ग्रन्थकारमें वादार्थनिरूपण स्याद्वादमुक्तावली प्रकाशित भावप्रभसूरि नयोपदेशटीका प्रकाशित (१८ वीं) मयाचन्द्र ज्ञानक्रियावाद जैनग्रन्थ अन्यकारमें ( १९ वीं) पद्मविजयगणि तर्कसंग्रहफलिका (१९ वीं) ऋद्धिसागर निर्णयप्रभाकर (२० वी) इत्यादि

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