Book Title: Jain Darshan
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

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Page 620
________________ ५८४ जनदशन - अज्ञातकर्तृक जैनमठ मूडबिद्री जैन सिद्धान्तभवन आरा नयसंग्रह नयलक्षण न्यायप्रमाणभेदी न्यायप्रदीपिका प्रमाणनयग्रन्थ प्रभाणलक्षण मतखंडनवाद विशेषवाद " " , , बम्बई सूची नं० १६१२ श्वेताम्बर आचार्य उमास्वाति तत्त्वार्थसूत्र स्वोपज्ञ प्रकाशित (वि०३री) भाप्य सिद्धसेन दिवाकर न्यायावतार प्रकाशित (वि०५-६वीं) कुछ द्वात्रिंशतिकाएँ मल्लवादि नयचक्र ( द्वादशार ) प्रकाशित (वि० ६वीं) सन्मतितर्कटीका अनेकान्तजयपताका उल्लिखित हरिभद्र अनेकान्तजयपताका प्रकाशित (वि० ८ वीं) सटीक, अनेकान्तवाद प्रवेश, षड्दर्शनसमुच्चय, शास्त्रवार्तासमुच्चय सटीक, न्यायप्रवेश-टीका, १. 'जैन ग्रन्थ और ग्रन्थकार' के आधारसे।

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