Book Title: Jain Darshan
Author(s): Mahendramuni
Publisher: Ganeshprasad Varni Digambar Jain Sansthan

View full book text
Previous | Next

Page 616
________________ जैनदर्शन अनन्तवीर्य सिद्धिविनिश्चयटीका प्रकाशित रविभद्रपादोपजीवि (९वीं) विद्यानन्द अष्टसहस्री प्रकाशित (वि० ९ वीं) (आप्तमीमांसा-अष्ट शतीकी टीका ), तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक ( तत्त्वार्थसूत्रको टीका ), युक्त्यनुशासनालङ्कार, विद्यानन्दमहोदय तत्त्वार्थश्लोकवार्तिकमें स्वयं निर्दिष्ट तथा वादि देवसूरि द्वारा स्याद्वाद रत्नाकरमें उद्धत आप्तपरीक्षा प्रकाशित प्रमाणपरीक्षा प्रकाशित पत्रपरीक्षा , आप्तपरीक्षाके साथ सत्यशासनपरीक्षा प्रकाशित श्रीपुरपाश्र्वनाथ- प्रकाशित स्तोत्र पंचप्रकरण अप्रकाशित जैनमठ श्रवणवेलगोलामें उपलब्ध (मैसूरकुर्गसूचीनं०२८०३) नयविवरण (?) प्रकाशित (त० श्लोकवा० का अंश)

Loading...

Page Navigation
1 ... 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639