Book Title: Hemchandracharya ni Agam vani
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ २२ अनुसन्धान-५४ श्रीहेमचन्द्राचार्यविशेषांक भाग-२ त्यारबाद अन्तर्मुहूर्त ज्ञान-साकारोपयोग होय आवो आगमिक परम्परामां दृढ नियम छे; तो बीजी तरफ उपर जणाव्युं तेम मतिज्ञानोत्पत्तिनी व्यञ्जनावग्रहथी धारणा सुधीनी आगमिक व्यवस्थामां दर्शनने तो क्यांय स्थान ज नथी ! आ संजोगोमां आना त्रणेक उकेल सूचवाया छे; पण ओ तर्कनी कसोटीओ पार उतरे तेम नथी. १. 'मतिज्ञाननी उत्पत्तिनी शरुआत व्यञ्जनावग्रहथी थाय छे, माटे दर्शनने व्यञ्जनावग्रह, पण पूर्वचरण समजवू जोईओ.' आ उकेल तो स्पष्टतः अयुक्त छे, कारण के इन्द्रिय-अर्थना संयोग साथे जन्मती अत्यल्प ज्ञानमात्रा पण जो व्यञ्जनावग्रहनी कोटिमां गणाती होय; तो दर्शननो व्यपदेश पामी शके ओवी अनाथी पण अल्प ज्ञानमात्रा कई रीते सम्भवे ?२ २. 'अर्थावग्रहमां अव्यक्त सामान्यनुं ग्रहण होवाथी अने दर्शन महासामान्य, ग्राहक छे ओवी प्रसिद्धि होवाथी दर्शन ओ अर्थावग्रहनुं नामान्तर ज छे,' ओ उकेलमां बे तकलीफ छे : ओक तो आ रीते दर्शन व्यञ्जनावग्रह अने ईहानी वच्चे गोठवातुं होवाथी ज्ञानोपयोगनी अन्तर्गत अने समजवू पडे, जे नियमविरुद्ध छे. अने बीजूं, अर्थावग्रह अकसामयिक होय छे अने दर्शनने अन्तर्मुहूर्तकालीन कहेवामां आव्युं छे. ३. 'ईहा सुधीनी अन्तर्मुहूर्तकालीन प्रक्रिया दर्शन छे; कारण के कोई पण ज्ञान आकार वगरनुं सम्भवतुं नथी. अने आ ज्ञानप्रक्रियामां वस्तुनो आकार तो अपाय वखते ज रचाय छे. अने तेथी ज साकार ओवा अपायधारणा ज्ञान छे.' आवा विभागनी अयुक्तता सन्मतिटीकामां आ रीते जणाववामां आवी छे : 'अवग्रह-ईहा जो दर्शन छे तो अमनी मतिज्ञानना भेद तरीके गणतरी शा माटे ? अमने ज्ञानावरणीयना क्षयोपशमथी जन्य मानवा के दर्शनावरणीयना?' आम, आगमिक प्रक्रियामां दर्शनोपयोग बाबते मूंझवण रहे छे. आ मूंझवण टाळवा तार्किकोओ 'ईहा सुधीनी प्रक्रिया दर्शन' ओ बहुमान्य अभिप्रायने पकडी आगमिक ईहा सुधीना समग्र तबक्काने 'दर्शन' १. "दर्शनपूर्वं ज्ञानमिति छद्मस्थोपयोगदशायां प्रसिद्धम् ।" - ज्ञानबिन्दुगत सन्मति.-२.२२नी टीका २. "व्यञ्जनावग्रहप्राक्काले दर्शनपरिकल्पनस्य चाऽत्यन्तानुचितत्वात् । तथा सति तस्येन्द्रियार्थ सन्निकर्षादपि निकृष्टत्वेनाऽनुपयोगप्रसङ्गाच्च ।" - ज्ञानबिन्दु ३. वि. भाष्य - ५३६ गाथा ४. सन्मति - २.२३-२४ टीका.

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29