Book Title: He Prabho Terapanth
Author(s): Sohanraj Kothari
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 186
________________ परिशिष्ट १. तेरापंथ का विधान (मर्यादा पत्र) संवत् १८५६ माह सुदि ७ २. गणविशुद्धिकरण हाजरी (हाजरी)-वर्तमान हिंदी भाषा में ३. लेख पत्र (अ) प्राचीन (ब) अर्वाचीन ४. आचार्यों का संक्षिप्त विवरण (झांकी). ५. साध्वी प्रमुखाएं ६. दीक्षा सिंहावलोकन ७. आचार्यों के चातुर्मास (अ) प्रथम शताब्दी (ब) द्वितीय शताब्दी ८. आचार्यों के मर्यादा महोत्सव .... तेरापंथ के ऐतिहासिक स्थल तेरापंथ का विधान आचार्य भिक्षु द्वारा लिखित अन्तिम व निर्णायक मर्यादा पत्र १. सर्व साधु-साध्वी, भारमलजी री, आगन्या मांहे चालणो। २. शेष काल विहार, चौमासो करणो ते, भारमलजी री आगन्या सूं करणो। आगन्या लोपने बिना आगन्या कठेई रहणो नहीं। . Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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