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कृति उपरथी प्रत माहिती
कृति नाम (प्रचलित नाम), भाग-विभाग कर्ता नाम, गुरु नाम, भाषा, कृति प्रकार, रचना वर्ष, परिमाण, रचना स्थल, आदिवाक्य
कृति विशेष प्रत नंबर, पेटांक क्रमांक, पृष्ठ, प्रतनाम, प्रतिलेखन वर्ष, प्रत पूर्णता, कुल पेटांक
पेटांक नाम, पेटांक विशेष
प्रत विशेष कुल झेरोक्ष पृष्ठ, डीवीडी नंबर
*अज्ञात कृतिओ विगत नथी पातासंघवीजीर्ण ९५- पे.क्र.३, पृ.?, कातन्त्रव्याकरण दौर्गसिंही टीका, सूत्रकृताङ्गटीका व अन्य ग्रन्थों के
त्रुटक पत्र, संपूर्ण पे. विशेष- विविध ग्रन्थों के छुटक पत्र स्पष्ट माहिती रहित.
प्रत विशेष- जीर्ण-त्रुटक-अव्यवस्थित पातासंघवीजीर्ण ९६- पे.क्र. ४, पृ.?, योगशास्त्र स्वोपज्ञ विवरण आदि, संपूर्ण
पे. विशेष- पत्रानुक्रम अस्त-व्यस्त है. प्रत विशेष- गायकवाडी सूचिपत्रमा योगशास्त्र (सविवरण) ए प्रमाणे नाम छे. (पत्र-३६५).
डीवीडी-५८/६० पातासंघवीजीर्ण ९७- पे.क्र.४, पृ.?, उत्तराध्ययनसूत्र सह सुखबोधा टीका आदि अनेक ग्रन्थनां परचुरण त्रुटक
पानां, संपूर्ण पे. विशेष- पत्र अस्त-व्यस्त है.
डीवीडी-५८/६० पाताहेसं १४९- पे.क्र. २, पृ. ???, जीतकल्प चूर्णिसहित आदि त्रुटक-अपूर्ण, अपूर्ण प्रत विशेष- गायकवाड केटलॉगमा १०४ पत्रनी आ एकज कृति छे, नवी सूचीमां अहीं नाममां 'आदि'शब्दथी
शुं ग्रहण करवू?
कुल झे.पृष्ठ-२४, डीवीडी-८/१७ पाताहेसं १५१- पे.क्र. ४, पृ.?, उपदेशमालाकथासक्षेपविवरणादि त्रुटक खण्डित अपूर्ण नकामा पानानो
सङ्ग्रह, संपूर्ण पे. विशेष- त्रुटित, खंडित, अपूर्ण व अस्पष्ट कृतियाँ. झेरोक्ष पत्र-१-४२.
कुल झे.पृष्ठ-४२, डीवीडी-८/१७ पाकाहेम १४४३६- पे.क्र. ३, पृ. ५, षड्भाषामयपार्श्वनाथस्तव सटीक आदि, वि-१९मी, संपूर्ण *प्रकीर्ण त्रुटित ग्रन्थसङ्ग्रह
पातासंघवीजीर्ण ९०- पे.क्र. २७, पृ.?, कल्पसूत्रादि अनेक प्रकीर्णक ग्रन्थों के छूटक पन्ने, संपूर्ण
पे. विशेष- अपूर्ण, संदर्भरहित, त्रुटक, संदिग्ध व परचूरन कृतियों का संग्रह. प्रत विशेष- त्रुटक-अव्यवस्थित.
कुल झे.पृष्ठ-१४४, डीवीडी-५८/६० १० पच्चक्खाणसूत्र जुओ - दशपच्चक्खाण, प्राकृत १६ व्रतोच्चार द्वार जुओ - षोडशव्रतोच्चारादि ४ द्वार, प्राकृत १८ पापस्थान उपर कथाओ जुओ - अढार पापस्थान उपर कथाओ, प्राकृत २२ परीसह नाम (द्वाविंशति परिसह), (बावीस परीसह नाम)
प्रा., पद्य, गा.२, आदि वाक्यः खुहा पिवासासीउण्हं दंसा वेलारइ... भांता ७०- पे.क्र. १५१, पृ. २०२B, अर्हत्स्तोत्र आदि - विचारसङ्ग्रहपोथी, वि-१३७८, संपूर्ण प्रत विशेष- सूचीपत्र-नं.३-१५. पत्र-२५२+२-१=२५३., पेटाङ्क-१७३ अन्तर्गत समग्र ग्रन्थप्रमाण आपेल छे.
कुल-४२०० श्लोक. अन्तमां पत्रांक २५००-२५२A उपर प्रतस्थ कृतियोंनी अनुक्रमणिका आपेली छे. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका.