Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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ग्रंथांक प्रत नाम
२५
(पेटा नंबर), पेटा नाम कृति नाम
(पे.४) श्रावकविधि
(पे. ५) धम्मोवग्गह दोणो दिज्झइ
दानविधिकुलक
(पे.६) नवकारफलकुलक
(पे. ७) प्रब्रज्याविधान
प्रव्रज्याविधानकुलक
(पे.८) ऋषभपञ्चाशिका
(पे.९) गौतमपृच्छा प्रकरण
(पे. १०) प्रश्नोत्तररत्नमालिका
(पे. ११) धर्मलक्षण
(पे. १२) विवेकमञ्जरी
(पे. १३) एकविंशतिस्थानप्रकरण
(पे. १४) अजितशान्तस्तव
अजितशान्तिस्तोत्र
(पे. १५) वीतरागस्तोत्र (१-२) वीतरागस्तोत्र
(पे. १६) योगशास्त्र
उपदेशमालाप्रकरण आदि
(पे. १) उपदेशमाला
(पे. २) भवभावनाप्रकरण
१ (पे. ३) योगशास्त्र १-४ प्रकाश योगशास्त्र
(पे. ४) धर्मोपदेशमाला
स्थिति
कर्ता
धनपाल
विमलसूरि
सिद्धसेनसूरि
नन्दिषेण
हेमचन्द्रसूरि
हेमचन्द्रसूरि श्रेष्ठ
धर्मदास गणि
हेमचन्द्रसूरि मलधारी
हेमचन्द्रसूरि
(भांता) भांडारकर ईन्स्टिट्युट - पूना भांडारकर इन्स्टिट्युट-पूना (ताडपत्रीय) पूर्णता प्रतिलेखन वर्ष पत्र
प्रत प्रकार
क्लिन / ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी झे. पत्र (झे. पत्र) कृति प्रकार
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
भाषा
प्रा.
प्रा.
प्रा.
प्रा.
सं.
प्रा.
प्रा.
प्रा.
सं.
सं.
संपूर्ण
प्रा.
प्रा.
सं.
सं.
गा. २५
गा. १४
गा. ३०
गा. ५०
गा. ५३
का. २८
गा. ६६
गा. ४०
अध्याय २० ग्रं.
१८७
अध्याय १२प्रका
ताडपत्र
गा. ५४४
गा. ५३१
अध्याय १२प्रका
वि. ११७०
5
धम्मोवग्गहदाणं दिज्ज
संसारविसमसायरभवजलपडि
जय जन्तुकप्पपायव !
नमिऊण तित्थनाहं जाण
कः खलु नालक्रियते
चवण विमाणा नयरी जणया
अजियं जियसव्वभयं
यः परात्मा परज्योत
नमो दुर्वाररागादिवैर २०३
नमिऊण जिणवरिन्दे
पद्य
पद्य
नमो दुर्वाररागादिवैर
पद्य
पद्य
पद्य
पद्य
पद्य
पद्य
पद्य
६९/७७ (६७)
पद्य
नमिऊण नमिरसुरवरमणिमउपय
पद्य
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ पेटा विशेष
(पे.पू. ६७A-७०A)
(पे. पू. ७04-७०A) पे.वि. अपूर्ण.
(पे.पू. ७२B(?)-७५A)
(पे. पू. ७५A ७७B) पे.वि. सूचीपत्रांक-१-१३७३.
कृ. वि. गाथा २४ थी ३५ सुधी मळे छे..
(पे.पू. ७७B-८४A) पे.वि. सूचीपत्रांक-३-४९.
(पे. पृ. ८४-९०4) [कृ.वि. गाथा ५१ थी १४९ सुधी पण मळे छे.]
(पे.पू. ९०-९३).
पंचपाठ),
i ( पे. पू. ९३-९४B) [कृ. वि. (पे.पू. ९४B- ११०B) (कृ.वि. आसड कृत ? (पे.पू. १११-१२१) पे.वि. सूचीपत्रांक-२-२९०.
(पे. पृ. १२१B-१२८B) पे. वि. गाथा- १४. सूचीपत्रांक-999४६
कृ. वि. : गाथा संख्या ३८ थी ४७ सुधी मळे छे.
(पे. पृ. १२८B-१२९B)
कृ. वि. प्रकाश-२०.
(पे. पू. १३२A १८६B) पे. वि. संपूर्ण ?
(जुनो नं. १८८०-८१/७४) भण्डार संदर्भाक-७४(A)/८०८१. सूचीपत्र-नं.२-२३२ (१३.६४१.७, ३-५४५०-५५) (पे. पृ. १-५२०) पे.वि. सूचीपत्र नं. २-२३२. [कृ.वि. गाथा ५४० थी ५४६ मळे छे.]
(पे.पू. ५२A १०६A)
(पे. प्र. १०६A-१४४B)
(पे.पू. १४५A- १५४B)

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