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ग्रंथांक: प्रत नाम
(पेटा नंबर).पेटा नाम कृति नाम
(भांता) भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना भांडारकर ईन्स्टिट्युट-पूना (ताडपत्रीय) पूर्णता प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र
क्लिन/ओरिजिनल
डीवीडी (डीवीडी- परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
झे.पत्र/.पत्र)
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कति प्रकार
१८४)-२७८
५८०./प्रतिलेखनस्थल-चाहरपल्ली. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका...(२९४२.५, ५-७४) लेखन स्थल : अणहिलपाटक
ग्र.१४७८४
बृहत् कल्पसूत्र-कल्पचूर्णी सप्ततिका कर्मग्रन्थ सह मलयगिरीयटीका
मङगलादीणि सत्थाणि १९६
श्रेष्ठ
संपूर्ण
ताडपत्र
वि. १४९०
७०/७९(१४४)
(जुनो नं. १८८६-९२/१३९०) ग्रन्थान-३७८०. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. खरतरगच्छीय आ. जिनभद्रसूरिना राज्यमां आ प्रत लखवामां आयी. जूनो नं.१८८०? लेखन स्थल : स्तम्भतीर्थ चन्द्रमहत्तरीयानुसार। गाथाओ ८३ थी ९१ सुधी मळे छे.
प्रा.
गा.९१
पद्य
सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ चन्द्रर्षि महत्तर सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ- मलयगिरिसूरि टीका
सिद्धपएहिं महत्थं अशेषकर्माशतमः समूह
ग्रं.३७८०
गद्य
संपण
ताडपत्र
२०६
:७०/८०(६०)
(जुनो नं. १८८०-८१/६६)मात्र अंतिम गाथा की टीका का अंतिम आंशिक भाग एवं टीका प्रशस्ति नहीं है. चन्द्रमहत्तरीयानुसार। गाथाओ ८३ थी ९१ सुधी मळे छे.
:पय
सप्ततिका कर्मग्रन्थ सह
:श्रेष्ठ मलयगिरीयटीका सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ चन्द्रर्षि महत्तर सप्ततिका षष्ठ प्राचीन कर्मग्रन्थ- मलयगिरिसूरि टीका :बन्धशतक, बन्धशतकलघुभाष्य व: श्रेष्ठ विनेयहिता टीका
गा.९१ ग्रं.३७८०
सिद्धपएहिं महत्थं अशेषकांशतमः समूह
गिद्य
ताडपत्र
: वि.१४९०
:१५०
७०/८०(१२०)
:(जुनो नं. १८८६-१२/१३९२)सर्वग्रन्थाग्र-३८६६. विशिष्ट प्रतिलेखन पुष्पिका. खरतरगच्छीय आ. जिनभद्रसूरिना राज्यमां आ प्रत लखवामां आयी. जूनो नं.१८८०? लेखन : स्थल : स्तम्भतीर्थ (पे.पृ. १-६A) पे.वि. : गाथा-११०. जेरोक्ष पत्र-१-८. प्रकृ.वि. : गाथा ९० थी ११२ सुधी मळे छे.] (ये. पृ. ६A-GA) पे.वि. : झेरोक्ष पत्र-८ वा.
:शिवशर्मसूरि
गा.१११
अरहन्ते भगवन्ते अणु
: पद्य
(प.१) शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ
गा.२५
नमिऊण जिणं बुच्छामि
:/पे.पू.04-9408) पे.वि. : झेरोक्ष पत्र-८-१२०.
(पे.२) शतकभाष्य शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थलघुभाष्य (पे.३) बन्धशतक की विनेयहिताटीका शतक प्राचीन पञ्चम कर्मग्रन्थ- विनेयहिता टीका शतक प्राचीन कर्मग्रन्थ की
ग्र.३७००
हेमचन्द्रसूरि मलधारी श्रेष्ठ
ताडपत्र
वि. १५वी
२००
७०/८०(७६)
. (जुनो नं. १८८०-८१/५९)सं. १४७१ में खरतरगच्छीय