Book Title: Hastlikhit Granth Suchi Part 02
Author(s): Gopalnarayan Bahura
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 245
________________ राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर हस्तलिखित ग्रंथ सूची, भाग-२, २२-जैन स्तोत्र ] [ २३६ विशेष उल्लेखनीय . लिपि समय | पत्र संख्या कर्ता आदि ज्ञातव्य ग्रन्थ नाम क्रमाङ्क | ग्रन्थाङ्क आनन्दघन ज्ञानभूषण हर्षकीर्ति अभयदेव १८८५ १८७७ १८७७ १८८२ १-५३ इस गुटके में १६ कृतियों का संग्रह है २५९से२६२ : ३१५से३१७ ५ लि. स्था. जैसलमेर ६ लि.क. भुवनसुन्दर : ३ दो स्तवन हैं १९वीं १८वीं जिनकीतिसरि जिनसेनाचार्य भूधर . ७से६२ २६५-२६६ ३७ ७४४४ (१) चौबीसी ३८ ४६१४ (३८) चौरासी लाख जीवयोनिवीनती ३६ ४६१४ (५६) , ४०। ७३६६ जयतिहुयण (सावचूरि) ४१ ७४०६ , (सबालावबोध) ४२ ५४३६ (१८) जिणकुशलसूरिवृद्धिस्तवन ४३ ५४३६ (१९) जिणकुशलसूरिलघुस्तवन ४४ ६३८५ जिननमस्कार ४५ ४२८७(११) जिनाष्टोत्तरसहस्रनामस्तोत्र ४६ ४६१४ (४०) जीवदया छन्द ४७ ६१८० जैनचैत्यस्तव (सरस्वतीस्तोत्र) ४८ : ५३७३ (४) जैनशतक ४६ ५४१८ (८) तिरेपन क्रिया ५० ५४१८ (१४) ५१ ४६१४ (५६) तिरेपन क्रिया वीनती ५२ . ५४३६ (६) तीर्थावलीस्तवन ५३ ७०८४ . दण्डकविचारषट्त्रिंशिकासूत्र सटिप्पण ५४ ५४३६ (१७) दादेजीरा स्तवन ५५ ५४३६ (८) नवकारमंत्रमहिमालघुस्तवन ५६ ७२६० नवकारमहामंत्रस्तवन १८७७ १९वीं १८वीं १९वीं रचना सं० १७८१ भूधरदास ब्रह्मगुलाल ६७से१०६ १०१से१०५ ११६से ११६ ३११-३१२ . ३६-३८ प्रभाचंद्र १८७७ १९वीं गजसारसाधु धवलचंद्र महोपा- । १८वीं ध्यायशिष्य, टि.क. यशःसोम . १६वीं जयवल्लभसूरि १७वीं ४०-४३ ५

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