Book Title: Haim Sanskrit Praveshika 1
Author(s): Shivlal N Shah
Publisher: Bhadrankar Prakashan

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Page 248
________________ वैभव ऋद्धि स्त्री. विभूति स्त्री. | शिशिरतु शिशिर पुं. व्या७२९॥ व्याकरण न. शिक्षा निग्रह पुं. व्याषिवाणुं व्याधित वि. शीuj शिक्ष ग. १. मा. व्यापार व्यापार पुं. शीरीते कथम् न. व्यास संकुल वि. शुम श्रेयस् न. शति शक्ति स्त्री. बल न. || किम् सर्व. किम् म. श॥२j भूष. १०.५. | शूरवीर शूर पुं. शा॥२४वो भूए ।.१०.५. | शो ७२वो शुच् ॥. १.५. श राभेद भूषित (भूष+त)| शोधपुं मृग . १०.मा. शागारे अलंकृत वि. | (मृगयते) शत्रु रिपु पुं. शत्रु पुं. द्विष् पुं. | शोमवू शुभ् ।. १... अरि पुं. . राज् 1. १.6. शत्रु४यगिरि शत्रुञ्जय पुं. शोमा ३२वी भूष् स. १०.५. श२९॥ शरण न. शोभित अलंकृत वि.भूषित वि. श२ ४j श्रि . १.6. श्रद्धा श्रद्धा स्त्री. विश्वास पुं.. आ+श्रि . १.. श्रम। श्रमण पुं. श२६ तु शरद् स्त्री. श्रम पामवो श्रम् (श्राम्) शरीर शरीर न. देह पुं. .४.५. २३मात आदि पुं. श्राव श्रावक पुं. श२ नगर न. श्रीटिनेश्व२१व जिन पुं. शाथी कुतस् . શ્રી હેમચન્દ્રાચાર્ય शा भाटे किम् म. कथम् म. श्रीहेमचन्द्राचार्य पुं. शाश्वत शाश्वत वि. श्रेष्ठ परम वि. वर पुं. न. शांत थर्बु शम् (शाम् )४.५. साधु वि. सार वि. शति क्षमा स्त्री. शान्ति स्त्री. संगत संगति स्त्री. शतिनाथ भगवान शान्ति पुं. सन सत् पुं. साधु पुं. शिपर शिखर न. सत्य सत्य न. ૧૫

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