Book Title: Haim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 03
Author(s): Dineshchandra Kantilal Mehta
Publisher: Ramsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala

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Page 376
________________ નિયમાવલી ૩૪૩ SHA APNA - इ + तुम् - विul ઈચ્છાદર્શક કૃદન્તના નિયમ (१) ७२७६श मं + त् = वर्तमान तरि इन्त चिचीष + त् = चिचीषत् । मात्मनेपातुभi 8290s मंग + मान = वर्तमान उतरि ६न्त चिचीष + मान = चिचीषमाण । (२) ४२७६05 + य + मान = वर्तमान भए। हन्त. (य पूर्व अनो दो५ थाय.) चिचीष् + य + मान = चिचीष्यमाण (3) छर्श अंग + इ + तुम् = इत्वर्थ त. (अंगना अंत्य ___ अनो लो५) चिचीष् + इ + तुम् = चिचीषितुम् (४) (१) ७७६0s मं + इ + तव्य = विध्यर्थ हन्त (अंगना अंत्य अनो दो५) चिचीष + इ + तव्य = चिचीषितव्य (२) छर्शs in + अनीय = विध्यर्थ हन्त. (मंगना अंत्य अनो दोप.) चिचीष + अनीय = चिचीषणीय (3) ७६ अंग + य = विध्यर्थ इन्त. (अंगना अंत्य अ . नो दो५.) चिचीष + य = चिचीष्य (५) ४२७६03 अंग + इ + त्वा = सं५ भूतान्त. (अंगना अंत्य अ नो दो५.) चिचीष + इ + त्वा = चिचीषित्वा (६) ७६र्श अंग + इ + त = भ!ि भूत हन्त (अंगना अंत्य अ नो दोप.) चिचीष + इ + त = चिचीषित (७) ७२७६Ns in + इ + तवत् = तरि भूत पन्त (मंगना अंत्य अ नो दोप.) चिचीष + इ + तवत् = चिचीषितवत् . (८) Ms in + इ + ष्यत् = भविष्य हन्त (अंगना मंत्य . अ नो दो५) चिचीष + इ + ष्यत् = चिचीषिष्यत् (५२स्मै. धातु) मात्मने ७t. + इ + ष्यमान = भविष्य नत. (अंगना ... मंत्य अ नो दो५.) चिचीष + इ + ष्यमाण = चिचीषिष्यमाण (८) परस्मैपधातुम ७७६03 अंग + आञ्चकृवस् = परोक्ष भूत हन्त चिचीष + आञ्चकृवस् = चिचीषाञ्चकृवस् । भात्मनेपहीपातुमा ७७NS अं + आञ्चक्राण = परोक्षाभूतन्त चिचीष + आञ्चक्राण = चिचीषाश्चक्राण

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