Book Title: Haim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 03
Author(s): Dineshchandra Kantilal Mehta
Publisher: Ramsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala

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Page 386
________________ ધાતુ 37f2+3 241. इ. ५. ख्या ५. तु. द्रा ५.. दा ५. नु प. पा ५. प्सा ५. ब्रू 3. भा ५. मा ५. या ५. यु.. रा ५. रु ५. ધાતુક્રમ મૂળ ધાતુ ११०४ | इंक् अध्ययने १०७५ | इंण्क् गतौ १०७१ |ख्यांक् प्रथने १०७८ तुंक् वृत्ति - हिंसा - पूरणेषु १०६६ | द्रांक् कुत्सितगतौ १०७० | दांव्क् लवने १०८१ |णुक् स्तुतौ १०६७ | पांक् रक्षणे १०९० | प्सांक् भक्षणे ११२५ | बूंग्क् व्यक्तायां वाचि १०६१ | भांक् दीप्तौ १०७३ | मांक् माने १०९२ |यांक् प्रापणे १०८० | युक् मिश्रणे १०६८ | रांक् दाने १०८५ | रुक् शब्दे અનુબંધ ગણ • ङ् क् • ण्, क् क् , क् •, क् •, ग्, क् •, क् •, क् श्र श्री અનુબંધ ફળ બીજો • - अनिद, क्- जीभगाएग, ङ्-ख.५६. •-अनिट् क्-जीभगाएश, ण्- इंक् धातुथी असंग पाडवा. • अनिट् क् - श्री भग •-अनिट्, क्-श्रीभगए. •-अनिट्, क्-श्रीभगाए. • - अनिद, क्- जीभगाए. क्-श्रीभगए. •-अनिट् भाटे, क्-जीभ गए. • - अनिट् क् - श्रीभगा. • - अनिट्, ग् - ७.५६ी, क्- श्रीभगाए.. •-अनिट्, क्-श्रीभग •-अनिट्, क्-श्रीभगए. • - अनिट् क्- जी भगाए. क्-श्रीभगाए.. • - अनिट् क् - श्रीभगाए. क्-श्रीभगए.

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