Book Title: Haim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 03
Author(s): Dineshchandra Kantilal Mehta
Publisher: Ramsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala

Previous | Next

Page 388
________________ भ + ૧૧૧૪ ईश् मा. धातु | पातुम મૂળ ધાતુ श्वस् ५. १०८० श्वसक् प्राणने स्वप् ५. | १०८८ बिष्वपंक् शये अस् ५. ११०२ । असक् भुवि आ+शास् म..| १११८ आङः शासूकि इच्छायाम् आस् मा. ११.१८ | आसिक् उपवेशने ईड् मा. ईडिक् स्तुतौ ११.१६ | ईशिक् ऐश्वर्ये चक्ष मा. ११.२२ | चक्षिक व्यक्तायां वाचि दिह 6. ११.२८ | दिहींक् लेपे ११२७ | दुहीक क्षरणे द्विष् 6. ११२६ | द्विषींक् अप्रीतौ मृज् ५. १०८७ | मृजौक् शुद्धौ लिह 3. ११२८ | लिहीक् आस्वादने वच् ५. १०८६ | वचंक् भाषणे वश् ५. ११०१ | वशक् कान्तौ वस् . १११७ | वसिक् आच्छादने विद् ५. | १०८८ | विदक् ज्ञाने ह्न ५. | ११०० । हनं हिंसा-गत्योः .. cohollow અનુબંધ अनु५३ | क्-पी1 . जि, •, क् | जि-वर्तमानमा क्त प्रत्यय, •-निद, क्-40111.. क्-श्री . क्, इ | इ-मा.५६., क्- बीए, ऊ-क्त्वा नी माहिमा इट् विपे. इ-मा.५६, क्-lnel. क् इ-म.पही, क्-बी . | इ-मा.पही, क्- गए. | इ-म.पी, क्-wlnn. ई-6.५४ी, •-निद, क्-जी . •-मनिट, ई-७.५४ी, क्-पी . ई-मयपी, क्-भी , •-मनिट. औ-इट् विल्पे, क्-wln . | •-अनि, ग्-6.५४ी, क्-. •-मनिद, क्- . क्-श्री . इ-41.५६, क्-win ol. | क्-जी. ए. | •-निट, क्-41.2011. दुह् ७. भ.. .. ..

Loading...

Page Navigation
1 ... 386 387 388 389 390 391 392