Book Title: Haim Sanskrit Dhatu Rupavali Part 03
Author(s): Dineshchandra Kantilal Mehta
Publisher: Ramsurishwarji Jain Sanskrit Pathshala

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Page 389
________________ ધાતુ | ધાતુક્રમ મૂળ ધાતુ અનુબંધ અનુબંધ ફળ भी ५. हा ५. हु ५. ही ५. ऋ५. दा 3. धा 6. निज् ७. ११३२ | जिभीक् भये ११३१ | ओहांक त्यागे ११३०| हुंक् दाना-ऽदनयोः . ૧૧૩૩ | ह्रींक् लज्जायाम् ૧૧૩૫ ऋक् गतौ ११३८ डुदांग्क् दाने ११३८ | डुधांग्क् धारणे च ११४१ णिचूंकी शौचे च - रात्रीही जि, •, क् |•-मनिट, क्-त्री , जि-वर्तमाननो त(क्त) usai. . ओ, •, क् |•-मनिट, क्-त्री , ओ-क्त, क्तवतु न त नो न २. ., क् | •-शनि, क्-त्री . •-मनिट, क्-त्री . | •-निद, क्-त्री . ग्, डु| •-अनि, क्-त्री , ग्-मय५६, डु-त्रिमा प्रत्यय. ग, डु | •-निद, क्-त्री , ग्-मय५६, डु-त्रिमा प्रत्यय. •, क्, ई| ऋ-मयतनामा अङ् प्रत्यय विल्ये, क्-त्री , •-निद, ई-6.५ही. •-मनिद, क्-त्री . | અન્ય વ્યાકરણનો મત હોવાથી ધાતુપાઠમાં આપેલ નથી. टु,डु,,क्,ग् | टु-अथुस् प्रत्यय, डु-त्रिमक् प्रत्यय, क्-त्री , ग्-७.५६. ., ङ् क् |-अनि, ङ्-मा.५., क्-त्री . •, ऋ, क्, ई| •-मनिट, क्-त्री , ई-७.५. ऋ-सतनीभां अप्रत्यय विस्पे. •, लु, क्, ई | •-मनिट, क्-त्री , ई-6.५. तृ-अद्यतनाम अप्रत्यय ४२41. | ओ,ङ् क्, ••-निद, क्-त्री , ओ-क्त, क्तवतु न त नो न ४२वा. ११३४ | पृक् पालन-पूरणयोः पृ ५. पृ ५. भृ 6. मा मा. विज् 6. विष् 6. हा मा. ११४० टुडु,ग्क् पोषणे च । ११३७ | मांफ् मान-शब्दयोः ११४२ | विजूंकी पृथग्भावे ११४३ | विष्लंकी व्याप्ती ११३६ | ओहांङ्क् गतौ

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