Book Title: Gyanarnava Prakaranam Gyanbindu Prakaranam Savivaranam
Author(s): Yashovijay Gani
Publisher: Gulabchandra Devchandra

View full book text
Previous | Next

Page 15
________________ एतद्ग्रन्थस्थविशेषावश्यक २१ on, BAEBARRORRORSCRE पुढे रेणुं व तणुंमि ३३७ ७२ एगबीस खलु लक्खा ,२७४ १९| गिण्हइ य काइएणं ३५५ ७६ ११ मायगाथाबहुमूहुमभावुगाइ ३३८ ७२ इति नयणविसयमाणं , ३ ४ २० गिपिहज काइएणं ३९६ ७६ नुक्रमः ॥ फरिसागातरमत्त २३९ ७२ लक्खेहिं एकवीसाए ३४५ ४ २६ बाया न जीवनोगो ३५७ ७६ जेणं नया मणूमा (टोका)१ ०३ नरणिदियस्स तम्हा ३४६ ७४ २७ मह सो तणुसंरंभो ३५८ ७६ परमाणू तसरेणू , २ ७३ ६ जह सुत्ते भणियं १(टो०) ७५ ५ किं पुण तणुसरंभेण ३५९ ७७ उस्सेगुलमे , ३ ७३ सुत्ताभिप्पाओऽयं ३४७ ७५ ७ तणुजोगो चिय मणवइ ३६० ७७ भायंगुलेण बन्धु, ४ ७३ ८ बारसहिंतो सोत्तं ३१८ ७५ १४ तुळे तणुनोगत्ते २६१ ७७ अप्पत्तकारि नयणं १४० ७३ दब्याणमंदपरिणा ३४९ ७५ १९ कायकिरियाइरित ३६२ ७७ नणु भणियमुस्सयंगुल ३४१ ७३ १७ संखेजइभागाओ ३५० ७५ २. अहवा तणुनोगाहिय ३६३ ७८ जं तेण पंचधणुसय १४२ ७३ भासासमसेडोओ ३५१ ७६ ७ तह तणुवावाराहिय ३६१ ७८ इदियमाणे वि तय ३४३ ७४ सेढी पएसपंतो ३५२ .६ ९ जह गामाओ गामो ३६५ ८ तणुमाण चिय तेणं ३४४ ७४ १२ भासासमसेठिओ ३५३ ७६ ९ केइ एगतरिय २६६ ८ १५ सीयालीससहस्सा (टोका)१७४ १६ | अणुसेढिगमणामओ ३५४ ७६ १२ | आह सुये चियनिसिरइ ३६७ ७९ २६॥ RoROPERAऊ

Loading...

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 254