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ज्ञानप्रदीपिका |
पापग्रह दशम में हों तो पशु नष्ट नहीं हुआ। यदि यह राशि नरराशि हो तो किसी ने बांध लिया है ऐसा बताना चाहिये।
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बहुपाददये राशौ बहुपान्नष्टमादिशेत् । पक्षिराशौ तथा नष्टे एतेषां बंधमादिशेत् ॥ ३२ ॥
बहुपात् राशि यदि लग्न हो तो बहुपाद जीव नष्ट हुआ हैं ऐसा बताना । यदि ये पक्षि राशि में नष्ट हुए है तो किसी के बन्धन में पड़ गये हैं ऐसा बताना चाहिये ।
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कर्कवृश्चिकयोर्लग्ने नष्टं सद्मनि कीर्तयेत मृगमीनोदये नष्टं कपोतान्तरयोर्वदेत् ||३३||
कर्क और वृश्चिक यदि लग्न हों तो घर में ही नष्ट वस्तु है ऐसा बताना | या मीन होतो कबूतरों के वासस्थल के पास कहीं पड़ा हैं 1
कलशो भूमिजे सौम्ये घटे रक्तघटे गुरुः । शुक्र करके भने घटे भास्करनन्दनः ||३४|| आरनालघटे भानुश्चन्द्रो लवणभाण्डके । नष्टद्रव्याश्रितस्थानं सद्मनीति विनिर्दिशेत् ॥३५॥
मंगलकारक होने से घड़े में और बुध का भी घड़े ही में तथा वृहस्पति का लाल घड़े में, शुक्र, होते टूटे फूटे करक में, शनिश्चर हो तो घड़े में कमलघट में सूर्य का, चन्द्रमा का नमक के घड़े में अपने घर में नष्ट द्रव्य का स्थान निश्चय करना ।
पंग्रहे संयुते दृष्टे पुरुषस्तस्करो भवेत् ।
स्त्रीराशी स्त्रीप्रहैर्दृष्टे तस्करी च वधूर्भवेत् ॥३६॥
मकर
लग्न पुंराशि का हो, पुरुष ग्रह से युक्त और दृष्ट हो तो चोर पुरुष है। पर, यदि स्त्री राशि लग्न हो और स्त्री ग्रह से युत और दृष्ट हो तो स्त्री चोर है। उदयादोजराशिस्थे पुंग्रहे पुरुषो भवेत् । समराश्युदये चोरी समस्तैः स्त्रीग्रहैर्वधूः ||३६||
लग्न से विषम राशि में यदि पुरुष ग्रह हो तो चोर पुरुष होता है। सम राशि लग्न में हो और उस से समस्थान पर स्त्रो ग्रह हो तो स्त्री चोर होगी ।
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