Book Title: Gwalior ke Sanskrutik Vikas me Jain Dham Author(s): Ravindra Malav Publisher: Z_Tirthankar_Mahavir_Smruti_Granth_012001.pdf View full book textPage 1
________________ ग्वालियर सांस्कृतिक विकास जैन धर्म -रवीन्द्र मालव भारत के हृदय-स्थल पर स्थित देश के इस भाग का इतिहास अत्याधिक प्राचीन है। यद्यपि विभिन्न इतिहासकारों ने समय-समय पर प्रकाशित अपने ऐतिहासिक लेखों एवं पुस्तकों में इस क्षेत्र की प्राचीनता के सम्बन्ध में लिखा है तथापि यहाँ के इतिहास के सम्बन्ध में पर्याप्त शोध न होने के कारण अनेकों ऐतिहासिक तथ्य प्रकाश में नहीं आ पाये हैं। इसी कारण अनेकों स्थानों पर इसके अभाव में इतिहासकारों एवं लेखकों को कल्पनाशक्ति का सहारा लेने को विवश होना पड़ा है। यों तो सारे भारत में ही इतिहास विषय पर पर्याप्त शोध-कार्य नहीं हआ है और न ही विशेष लिखा ही गया है, परन्तु ग्वालियर के सम्बन्ध में यह बात विशेष रूप से कही जा सकती है। यही कारण है कि यहाँ के प्राचीन इतिहास का अधिकांश भाग अन्धकारमय है। सच पूछा जाये तो इसका प्रमुख कारण हमारी संस्कृति ही रही। प्रारम्भ में इस देश में इतिहास लिखने की परम्परा नहीं थी। शासकगण अपना अधिकतर समय ३३७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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