Book Title: Gujarati Hindi Kosh
Author(s): Gujarat Vidyapith
Publisher: Gujarat Vidyapith
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वपरावं वपरा, अ० क्रि० वापरतुं' का कर्मणि;
इस्तेमाल होना; काममें आना वपराश स्त्री० उपयोग; इस्तेमाल वफा स्त्री० वफ़ा; वचनका पालन;
प्रामाणिकता(२)भक्ति;श्रद्धा; विश्वास वफाई स्त्री० वफ़ादारी वफादार वि० वफ़ादार,वचन-पालक(२) विश्वसनीय (३)स्वामिभक्त, वफ़ादार वफादारी स्त्री० वचनका पालन करना; वफ़ादारी (२)स्वामिभक्ति; वफ़ादारी
(३)निष्ठा (४) राजभक्ति; वफ़ादारी वभोपुं० वैभव ; साहबी ठाठ (२) अदब; लिहाज़; मुरीवत (३)प्रतिष्ठा; वजन बमळ न० भंवर; चक्कर; जलावर्त । वर वि० वर; श्रेष्ट (२)पुं० दूल्हा; वर (३)पति (४)वर; देवता या गुरुजनोंसे इच्छा-पूर्तिके लिए की जानेवाली प्रार्थना वरक(-ख) पुं० वरक ; सोने, चाँदीका पत्तर
[वृषभ राशि बरख पुं० वरक़ (२) वर्ष (३) स्त्री० वरखडी स्त्री०, (-डो) पुं० पीलूकी
जातिका एक वृक्ष [पतिकामा वरघेली वि० स्त्री० पतिप्रेममें आसक्त; वरघोडियां न० ब०व० नवदंपती वरघोडो पुं० वरयात्रा (२) फ़जीहत [ला.] । [वरघोडे चावू = बदनाम होना। -काढवो = वरयात्रा निकालना (२) बदनाम करना. वरचडावो पुं० घुड़चढ़ी (वरकी) वरजवं सक्रि० तजना; वर्जित करना; छोड़ना 1
[वरयोग्य बरजोग वि० स्त्री० विवाहके योग्य; परजोळो पुं० उचाट ; फ़िक(२)बदनामी वरड (व') न० बिवाई
वरई (व')न० अंकुर निकला हुआ चना __ आदि; अंकुरी [स्त्री० वर्ण; जाति वरण पुं० वर्ण; अक्षर (२)रंग; वर्ण(३) वरणागियुं वि० बनाव-सिंगार करने
वाला; शौक़ीन; छैला ; सजीला वरणागी स्त्री० बनाव-सिंगार; सजधज वरणावं अ० क्रि० पकने पर होना;
गदराना [(२)चुनाव; पसंद; वरण वरणी स्त्री० वरणी, पुरोहितका सम्मान वरणो पुं० वरुण वृक्ष वरत पु०; स्त्री० चरस खींचनेकी रस्सी;
बरत (२)ढोर चरानेकी उजरत;चराई वरतणियो पुं० गाँवका चौकीदार (२) गांवके चौपालका चपरासी (३) पाँवके निशान परसे चोरका पता लगानेवाला; चौकीदार (४) मार्गदर्शक; 'गाइड' (५)मार्गमें रक्षा करनेवाला परतवं अ० क्रि० बर्ताव करना; बरतना; आचरण करना (२) बनना; होना (३)स० क्रि० परखना; जान लेना; विचारना (४)प्राप्त होना (५) नेग या लाग देना; उदा० 'बहेनने कई वरत्या नहीं' [(२)ज्योतिषी ; नजूमी वरतारो पुं० भविष्यवाणी; पेशीनगोई वरवी स्त्री० खबर; संवाद ; संदेशा (२) हुक्म । [-आपबी = सूचना या हुक्म देना; आज्ञापालनको खबर देना। - करवी, पहोंचाडवी= खबर पहुँचाना; जताना; विदित कराना.] वरम पुं० वरम; सूजन वरमाळ (-ळा) स्त्री० जयमाला (स्वयंवरमें)(२)विवाहके समय वर-कन्याके गलेमें डाली जानेवाली सूतकी माला; मंगलसूत्र वरराजा पुं० दूल्हा; वर; नौशाह
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