Book Title: Gujarati Hindi Kosh
Author(s): Gujarat Vidyapith
Publisher: Gujarat Vidyapith
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व्यसनी व्यक्तिके साथ जानेवाला पथप्रदर्शक
बत (३०) स्त्री० बालिश्त; वित्ता (२) पुं० युक्ति; मौक़ा; घात; चाल; पेच; उदा० 'शा वेतमा फरो छो? '(३)अ० 'किसी क्रियाके होनेके साथ-साथ तुरत' ऐसा अर्थ दिखाता है; ही; उदा० 'जतात'। [-झाबो, बेसबो =मौक़ा मिलना; घात लगना। -भोंय न सूझवी = कोई उपाय न सूझना; दिमाग़में या ध्यानमें न आना । -मां फरवू = घातमें फिरना; ताकमें घूमना; घातमें रहना... वैज्ञानिक वि. विज्ञान-संबंधी; वैज्ञा
निक (२) पुं० वैज्ञानिक; विज्ञानी बैड पुं० बिवाई वैदुं न० देखिये 'वरडु' वैतरं न० थका देनेवाला या उकता देनेवाला काम; रगड़ (२) बेगार (काम) (३) मेहनताना; भजदूरी वैतरो पुं० थका देनेवाला काम करनेवाला; श्रमजीवी; मेहनतकश; मजदूर (२) कड़ा परिश्रम उठानेवाला; कष्टसाध्य काम कर सकनेवाला वंद पुं० वैद्य; वैद; बैद वैदक न० बैदका पेशा; बैदई (२) चिकित्साशास्त्र; वैद्यक [वैद्यक वैवकीय वि० चिकित्साशास्त्र-संबंधी; वै, न० वैद्यका पेशा; बैदई ; चिकित्सा- व्यवसाय। -करव= किसीको पीटकर
राह पर लाना; सीधा करना.] वैशाख पुं० वैशाख; बैसाख । वोकळो पुं० छोटा झरना; नाला, वोट पुं० वोट; मत [अधिपत्र बोरंट न० वारंट; वारंट-गिरप्तारी; बोळाव, (वॉ) स० क्रि० बिदा.करना वोळावियो (वॉ). पुं० विदा होनेवाले
वोंकको (वॉ०) पुं० देखिये 'वोकळो' व्यक्ति स्त्री० किसी भी वर्ग या समूहका एक जन; व्यक्ति(२)जन; व्यक्ति (३) व्यक्त, प्रकट होनेकी क्रिया; व्यक्ति व्यक्तिवाद पुं० वह बाद जिसमें सामांजिक विचारमें व्यक्ति और उसका व्यक्तित्व दोनों महत्त्वकी चीजें हैं व्यतीपात पुं० एक योग; व्यतिपात; व्यतीपात(२)भारी उपद्रव या उत्पात; व्यतीपात ..
... व्यतीपातियुं वि० उपद्रवी; उत्पाती व्यवहार पुं० व्यापार; कारबार; पेशा; व्यवहार (२) बर्ताव; आचरण; व्यवहार (३) लोकरीति'; प्रथा; व्यवहार (४) आपसमें लेने-देने,
आदान-प्रदानका संबंध व्यवहारगणित न० व्यवहारमें-दुनियाके कामोंमें काम आवे ऐसा गणित (२) व्यवहारगणित; 'प्रेक्टिस' [ग.] (३) गणितका मौखिक सवाल [ग.] व्यवहारसिद्ध वि० व्यवहारमें प्रचलित
बना हुआ; प्रचलित; व्यवहारी व्यवहारी वि० व्यवहार-संबंधी; व्याव
हारिक व्यवहार वि०देखिये 'वहेवारु' ; व्यवहार्य व्यसन न० व्यसन ; बुरी आदत; लत (२)नशा करनेकी आदत (३)दुःख; संकट; व्यसन (४) आफ़त; जोखिम (५) नाश; व्यसन। [-परवु = ज्यादा आदी होना; चसका पड़ना (२) मादक पदार्थका आदी होना.] व्यसनी वि०.किसी बुरी चीजका आदी पसनी; आदी
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