Book Title: Gujarati Hindi Kosh
Author(s): Gujarat Vidyapith
Publisher: Gujarat Vidyapith
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
संभाळवं
रक्षी सार-संभाल । [ नीचे = -की देखरेख में ( २ ) - के आश्रयमें, शरणमें । - राखवी, लेवी = संभालना; रक्षा, 'पालन करना; खबर लेना; रोक-थाम करना. ]
संभाळवं स० क्रि० सँभालना; रक्षा करना; हिफ़ाज़तसे रखना; जतन करना; देख-भाल करना (२) (किसी कामका) भार उठाना; ज़िम्मे लेना; चलाना; निबाहना (३) अपनेको ज़ब्त करना; संयत करना; सँभालना (४) अ० क्रि० सँभलना; सावधान या होशियार रहना; बेखबर न रहना; चोट आदिसे बचाव करना संमत वि० सम्मत; सहमत ( २ ) माना हुआ; स्वीकृत; पसन्द; सम्मत संमति स्त्री० सम्मति; सहमति; स्वीकृति; अनुमति
संमान न० सम्मान; आदर-सत्कार ( २ ) प्रतिष्ठा; गौरव संमानकारिणी वि० स्त्री०, संमानकारी वि० सम्मान करनेवाला; आदरसत्कार करनेवाला
संमानित वि० सम्मत; माना हुआ (२) सम्मानी; जिसमें सम्मानका भाव हो संमान्य वि० सम्मान्य; आदरणीय संमिश्रण नं० सम्मिश्रण; मिलावट संमुख वि० सम्मुख; जो सामने हो ( २ ) - की ओर प्रवृत्त; अभिमुख; सम्मुख ( ३ ) अ० सामने; समक्ष ; सम्मुख
संयुक्त वि० संयुक्त ; जुड़ा हुआ; मिला हुआ; संबद्ध (२) अनेकोंने मिलकर किया हुआ
संयुक्तक्रियापद न० संयुक्त क्रिया
५०५
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
संसार
संयोग पुं० संयोग ; मिलन; मेल (२) संबंध; संयोग (३) समागम; साथ; संगति ( ४ ) मिश्रण; संयोग ( ५ ) परिस्थिति [ भूडमरूमध्य संयोगी भूमि (मी) स्त्री० संयोगभूमि; संवत पुं० संवत्; विक्रम संवत् ( २ ) उसका कोई भी वर्ष ; संवत् संवनन न० संवनन; वशमें करनेकी क्रिया ( २ ) प्रेम करना; प्रेम करके वशमें करनेका यत्न
संवर स०क्रि० ढकना; व्याप्त करना; छिपाना (२) समेटना; बटोरना (३) रोकना ; निग्रह करना
सवाल
संवाद पुं० संवाद; वार्तालाप ; जवाब; बातचीत (२) चर्चा; संवाद; बहस ( ३ ) मेल होना; एकता ( ४ ) सहमति; संवाद एकराय होना संशय पुं० संशय; संदेह; शक ( २ ) दहशत; भय
嘴
संशोधक पुं० आविष्कारक; नयी खोज करनेवाला ( २ ) शुद्ध-साफ़ करनेवाला; संशोधक
संशोधन न० संशोधन; शुद्धि ( २ ) खोज; शोध; अन्वेषण; आविष्कार संशोधवं स० क्रि० संशोधन करना संसार पुं० संसार; जगत्; दुनिया; सृष्टि ( २ ) मायाजाल ; लौकिक प्रपंच; संसार ( ३ ) आवागमन; जन्म-मरण; संसार (४) गृहस्थी ; संसार । [ -तरवी - दुनियादारीके व्यवहारमें से पार उतर जाना ( २ ) पार उतरना; भवबंधन से छुटकारा पाना; तरना । नो वा वावी = संसारके दूसरे लोगों की तरह आचरण करने लगना; दुनियाके तौर-तरीके अपना लेना; दुनिया
For Private and Personal Use Only
है

Page Navigation
1 ... 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564