Book Title: Gnatadharmkathanga Sutram Part 01
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ अनुक्रमाङ्क विषय पृष्ठा २४ मेघमुनि के तपः शरीर का वर्णन ५३१-५३७ २५ मेघमुनि के स लेग्वना के विचार का वर्णन ८३७-५२४ २६ मेघमुनि के सलेग्वना धारण करने का वर्णन ५४४-५५४ २७ मेघमुनि की गतिका निरूपण ५५४-५६१ २८ उपालम्भ का कथन ५६२-५६५ दूसरा अध्ययन २९ रोजगृहके जीर्णोद्यान का वर्णन ५६६-५७० ३० भद्राभार्या का वर्णन ५७१-५७५ ३१ विजयतस्कर का वर्णन ५७६-५८७ ३२ भद्रासार्थवाही के विचार का वर्णन ५८८-६०२ . ३३ भद्रासार्थवाहो के दोहद का वर्णन ६०२-६०९ ३४ देवदत्त दासचेटक का वर्णन ६१०-६३० ३५ धन्यसेठ का विजय चौर के साथ हडिबन्धनादिका वर्णन ६३१-६५९ ३६ धन्यसेठ के मोक्षगमन को वर्णन । ६६०-६६४ . ३७ श्रमणों के प्रति भगवान का उपदेश ६६४-६७० । तीसरा अध्ययन ३८ तीसरे अध्ययन का उपक्रम ६७१३९ मयूर के अण्डे का वर्णन ६७२-६७४ ४० विजयदत्त और सागरदत्त के चरित्रका वर्णन ६७५-७२० चोथा अध्ययन ४१ गुप्तेन्द्रिय के विषयमें कच्छप और शृगालोंका द्रष्टांत ७२१-७४९ समाप्त

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 770