Book Title: Gathasaptashati Author(s): Nathuram Shastri Publisher: Pandurang Javji View full book textPage 6
________________ गाथानुक्रमणिका। --00:2000 ७/७४ ५.४५ अइ उज्जुए ण ७७७ ] अज्जाइ णीलकञ्चअ (मीणसामिणो) ४१९५ अइकोवणा वि सासू ५।९३ | अजाएँ णवण (केसवराअस्स) २१५० अइ दिअर किं ण ६०७० अणुऊलं विअ वोत्तुं ६।२३ अइदीहराइँ बहुए अणुणअपसा (विण्णस्स) ३१७७ अउलीणो दोमुह ३।५३ अणुदिअह (परकम्मस्स) ३१६६ अकअण्णुअ घणवणं अणुमरणपत्थिआए ७॥३३ अकअण्णुअ तुज्झ अणुवत्तणं __ (हालस्स) ३६५ अक्खडइ पिआ (रहराअस्स) ११४४ अणुहुत्तो करफंसो ७।५७ अगणिअजणाववाअं ५।८४ अण्णग्गामपउत्था ७१८७ अगणिअसेस (गतलङ्घिअस्स) ११५७ अण्णणं कुसुम (अणुराअस्स) २१३९ अग्धाइ छिवइ अण्णमहिला (अणिरुद्धस्स) ११४८ अङ्गाणं तणुआरअ (मिहरस्स) ४।४८ अण्णं पि किं पि ६९ अच्चासण्णविवाहे ७१५५ अण्णह ण तीरइ (अण्णवत्थस्स) ४१४९ अच्छउ ता जणवाओ (वाहवस्स?) ३६१ अण्णाण वि होन्ति ५१७० अच्छउ दाव मणहरं २०६८ अण्णावराहकुविओ अच्छीहिँ ता थइस्सं (नरसीहस्स) ४।१४ ५।८८ अच्छेरं व णिहिं (रामस्स) २।२५ अण्णासआई (मअरन्दअस्स) १२३ अच्छोडिअवत्थ (गुणद्धस्स) २१६० अण्णेसु पहिअ ७.२९ अजअ णाहं (मिअङ्गस्स) २१८४ अण्णो को वि ५।३० अज्ज कइमो वि (हालस्स) २।१९ अण्णोण्णकडक्ख ७.९९ अजं गओत्ति अजं (पवरसेणस्स) ३८ अत्ता तह रमणिजं (कुमारिलस्स) १८ अज मए गन्तव्वं (सुचरिअस्स) ३१४९ अत्थक्करूसणं ७७५ अज मए तेण (कल्लाणस्स) ११२९ अईसणेण पुत्त (वहुरसस्स) ३।३६ अजं पि ताव एक ६२ | अद्दसणेण पेम्म (सामिअस्स) १८१ अजं मोहणसुहिअं (जण्णन्दसारस्स) ४.६० अइंसणेण महिला (सामिअस्स) ११८२ अज मि हासिआ (हालस्स) ३.६४ अद्धच्छिपेच्छिअं (मअरन्दस्स) ३१२५ अज्ज वि बालो (विधिविग्गहस्स) २।१२/ अन्तो हुत्तं डजइ (णाहहत्थिस्स) ४।७३ अज व्वेअपउत्थो अज्ज (अमीअस्स) २।९० | अन्धअरबोरपत्तं (अणुराअस्स) ३३४० अज्ज व्वेअ पउत्थो उज्जा(असरिसस्स)१।५८ अपहुप्पन्तं (उअहिस्स): ५।११ अज सहि केण (केसवस्स) ४१८१ अप्पच्छन्दपहाविर (पवरसेणस्स) ३२ १. 'गतलजस्य' वेबरमुद्रितपुस्तकस्थपाठः. २. 'कल्याणस्य वे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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