Book Title: Gathasaptashati
Author(s): Nathuram Shastri
Publisher: Pandurang Javji
View full book text
________________
तह तस्स माण तह तेविसा
तह परिमलिआ तह माणो
तह सोहाइ
ता किं करेउ
ता मज्झिमो विव
तारुण्णं जा
तालूरभमा
तावच्चि रइ तावमवणेइ ताविज्जन्ति ता सुहअ विलम्ब
गाथानुक्रमणिका |
(हालस्स) ५1३१ | दइअकर गहलुलिओ ७/२५ दक्खिणेण वि ७१३७ | दहूण उण्णमन्ते ( सालिअम्स ) २२९ | दहूण तरुणसुरअं (सुन्दअस्स) ३/५४ | दट्टूण रुन्दतुण्ड (बहरिणो ) ३।२१ दट्ठूण हरिअदीहं (हाल ) ३।२४ | दढरोस (वेरसत्तिस्स ) २/४१ दरफुडिअ (अटकस्स) १1३७ दरवेविरोरुजुअलासु
(कुलोस्स १५ (हरि उद्धस्स ) ३1८८ (परास) १७
७२
(हालस्स) २१७९ | दिढमण्णु
१. 'त्रिलोकस्य' वे. ५ 'पउलिन्यस्य' वे.
Jain Education International
दिअरस्स
दिअहं खुडकिआ दिअहे दिअहे
दिट्ठा चूआ
५|२७|| दिढमूलबन्ध
( भाउ अस्स) ३१८४ | दीसइ ण चूअ
( मुद्दस्स) १/४०
(अलकस्स ) ३।८९
१०
७/९१
तीअ मुहाहिं
( कोन्तक्खुरस) १।९७ (मोत्ताहलस्स) १।७४ (अणुलच्छीए) ३।७६
तुङ्गा विसेस
तुङ्गो चि
६।४२
तुज्झङ्गराअ
२।८९ | दीसन्तो णअणसुहो ( राअर सिअस्स ) ५।२१
तुज्झ वसई
दीसन्तो दिट्ठसुहो दीससि पिआणि
७१५१
५/८९
तुप्पाणणा तुह दंसणेण जणिओ
दीपर
२२८५
तुह दंसणे सह
६१५
४१५
दुक्खं देन्तो (सिरिसत्तिअस्स) १।१०० तुह मुहसा रिच्छं ( राहहणिो ) ३।७ दुक्खेहिँ लम्भइ तु विरहुज्जागरओ ५/८७ दुग्गअकुटुम्ब (सिरिधम्म अस्स) १।१८ तुह विरहे ( अणस्स) १।३४ दुग्गअघरम्मि ते अ जुआणा ता
६।१७ दुणिक्खेवअ
तेण ण मरामि
ते विरला सप्पु ते वोलिआ थणजहणणिअ थोअं पिण थोर एहिं रुणं
६।४४ (आइवराहस्स) १८५
દ્વા
६।४७
(विग्गहस्स ) ५/२
७१९३
( अवन्तिव मस्स ) ४ । १९
(बम्हरा अस्स) १।६२
७११४
For Private & Personal Use Only
( हालस्स) १/३५ (विच्छमस्स) ३।२६
५/७२
(साहिलस्स) २/५४ ४/७५ | दुम्मेति न्ति ( वसन्तवम्मस्स ) ४।२५ ( इन्दस्स) २1१३ दुस्सिक्सिअरअ (निरुवमस्स) ३।३२ दूइ तुमं विअ ( सच्च सेस्स) ३।३३ दूरन्तरिए वि पिए ( सुरभिवंसस्स) १४९ | देव्वम्मि पराहु ६।२८ | देव्वाअत्तम्मि
२. 'मुद्रस्य' वे. ३. 'सुरभिवत्सलस्य' वे.
७/२७
(आहवसत्तिणो ) २८१
७१५८
( अन्धस्स ) ३/४५
( जीव एव स ) ३।७९
४. 'स्थिरसाहसस्य' वे.
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 446