Book Title: Dhatu Parayan
Author(s): Hemchandracharya, Munichandravijay
Publisher: Shahibaug Girdharnagar Jain S M P Sangh

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Page 457
________________ शब्दसूचिः काल १,८१४ च । ९,१२९ । किलास ५,८६ उ. । कुटिल ५,११२ उ. कालना १,८१४ किलिकिल ५,८६ उ. कुटीर ५,११२ उ. कालि १,८१४ [3] किशोर ३,१३३ उ. कुट्ट ९,३१ कालिका १,८१४ . किष्किन्ध ९,२५१ कुट्टनी ९,३१ काव्य १,७६९ कुट्टाक ९,३१ काश १,४९०,८३० चा४,१३५ कीट ९,४६ (उ.) कुट्टाको ९,३१ काशि १,४९० उ., ८३० उ. | कीनाश ३,१३३ उ. कुट्टिम ९,३१ उ. काशितृ १,८३० । ३,१३५ । कीणि ८,१५,२२ कुठार १,२२४ उ. काषि १,५०७ उ. कीर्ति ९,८२ च, उ. कुडङ्ग ५,१३० [उ.] काष्ठ १,८३० उ.। ३,१३५उ. कील १,४२२ कुडव ५,१३० उ. काष्ठभिद् ६,५ कीलक १,४२२ कुडितृ ५,१३० काष्ठभेद ६,५ कीलन १,४४५ कुट्मल ५,११२ कास १,८४५,९८७ कीला १,४२२ कुण ५,५२ कासा १,८४५ कीलाल १,४२२ उ. कुणाल ५,५२ उ. कासित १,८४५ कीलि १,४२२ [उ.] ४४५ || कुणिन्द ५,५२ उ. कासू १,९८७ उ. कीलितृ १,४२२ कुण्ट १,२०१ किङ्कर १,८८८ कुक १,६१९ कुण्ठ १,२२४ उ. किङ्करा १,८८८ कुकूल २,२८ उ. कुण्ड १,२०१,६९० ।५,५० किङ्करी १,८८८ कुक्कटीबन्धम् ८,४२ किंशार ८,२४ उ. कुक्षि ८,५८ उ. कुण्डपाय्य १,२ किकिदीवि ३,१ उ. कुक्षिम्भरि १,८८६ । २,८२ | कुण्डल १,६९० उ. किखि १,१०२१ उ. कुच् १,१०२ कुण्डा १,६९०५,५२ किङ्किणीका १,२७१ ठ. कुच १,९६१ । ५,११७ कुण्डितृ १,६९० किट १,१७७ कुचितृ ५,११७ कुण्डी १,६९०।५,५२ किटी १,१७७ कुञ्चिका १,१०२ कुतृ ५,१४८ किर ५,२० कुञ्जर ३,२ उ. कुत्सना ९,२४८ किरण ५,२० उ. कुट ५,११२ कुत्सा ९,२४८ किराट ५,२० उ. कुटप ५,११२ उ. कुथ ८,४२ (3.) किरि ५,२० उ. कुटर ५,११२ [उ.] कुथा ८,४२ (उ.) किरीट ५,२० उ. कुटि ५,११२ उ. कुथुम ३,१० (उ.) किलाट ५,२० उ. ८६ उ. कुटितृ ५,११२ कुन्थ ८,४२

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