Book Title: Dhatu Parayan
Author(s): Hemchandracharya, Munichandravijay
Publisher: Shahibaug Girdharnagar Jain S M P Sangh
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४१६ ]
क्लीब १,७८६
क्लीबा १,७८६
क्लीबितृ १,७८६ क्लेदु ३,३६ उ.
क्लेश १,८३१
क्लेशक ३,१३३
क्लेशा १,८३१
क्लेशापह २,४२ क्लेशितृ १,८३१ । ३,१३३ ॥
८,५०
क्लेष्ट्र ८,५०
Faण १,२७१
क्वणित १ २७२
क्वथ १,९६४ क्वथितृ १,९६४
क्वाण १,२७१
क्वाथ १,९६४ च.
क्वाथिका १,९६४
क्वेलित १,४४६
क्ष
क्षक्षम् १,१००१
क्षक्ष १,१००१
क्षञ्जित १,१००१ क्षणित ७,३
क्षति ७,३ क्षत्रियापशद १,९६७
क्षन्ति ७,३
क्षन्तु १,७८८ । ३९२ क्षपा ९,३२३
क्षम् १,७८८ उ.
क्षम ३.९२
क्षमा १,७८८ । ३,९२ (उ.)
क्षमितृ १,७८८ । ३,९२
क्षमिन् ३,९२
क्षम्य १,७८८
क्षय ५,१७
क्षयिन ५, १७
क्षम्य ५, १७
क्षर १,९७१
क्षरित १,९७१
क्षव २,२६
क्षवथु २,२६
क्षवितृ २,२६
क्षव्य २,२६
क्षात्रम् १,१००१
क्षातृ १,४२ क्षान्ति १,७८८ । ३९२
क्षान्तुम् १,७८८ उ.
क्षार १,९७१
क्षारी १,९७१
[क्षार्य १,९७१]
क्षाव्य २,२६
क्षितक ५,१७
क्षितायुस् ५,१७
क्षिति ५,१७।७,४ । ८,३४
क्षिन्ति ७,४
क्षिप ५, ३ ( उ . )
क्षिपक ५,३ उ.
क्षिपका ५,३ उ.
क्षिपणि ५,३ उ.
[ पश्चमं परिशिष्टम्
क्षिपणु ५,३ उ. क्षिप्णु ३,१५/५, ३
क्षिप्र ५, ३ उ क्षिया ५,१७।८,३४
क्षीणक ५,१७
क्षीणायु ५,१७
क्षीब. १,७६९ श्रीबितृ १,७६९
क्षीण १,१०
क्षीर २,१ उ.
क्षीरपाण १,२
क्षीरपान १,२
क्षुत् २,२६
क्षुद्र ७,७ उ.
क्षुधू ३,३९
क्षुधुन ३,३९ उ.
क्षुब्ध १,९४८ । ३,५६ । ८, ४६ क्षुर ५,७८ (उ.)
भ्रूण २,२६ उ.. क्षेणितृ ७,४
क्षेत्र १,१०।५,१७ । ८,३४
क्षेत्र ५,१७ उ.
क्षेप्तृ ३,१५ । ५,३
क्षेम ५,१७ उ.
क्षेमङ्कर १,८८८
क्षेमकार १,८८८
क्षेमधृत १,६०२
क्षेय ५,१७
क्षेषितृ १,४६४ । ३,२४
श्रोतृ ६,७
क्षोध्धृ ३,३९

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