Book Title: Dhatu Parayan
Author(s): Hemchandracharya, Munichandravijay
Publisher: Shahibaug Girdharnagar Jain S M P Sangh
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पञ्चमं परिशिष्टम्
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कतृ १,८८८१४८ कलुष १,८१४ उ. कर्दम १,३०६ उ. कलेवर ५,४५ उ. कर्दा १,३०६
कल्क १,८१४ उ. कर्पास १,८८८ उ. कल्प १,९५९ च कर्पूरस्फटा १,२०८ कल्पितृ १,९५९ कर्बट १,३५५ उ. कल्प्तृ १,९५९ कर्बर ८,१५ उ.
कल्प्य १,९५९ कर्बरी ८,१५ उ.
कल्मष १,८१४ उ. कर्बुर १,३५५ उ.,७६७ उ. कल्माष १,८१४ उ. कर्मकर १८८८
कल्मास १,८१४ उ. कर्मकरी १,८८८
कल्य १,८१४ कर्मन् १,८०८ उ.
कल्याणखुरा ५,७९ कर्व १,४६०
कल्याणगुदा १,७३५ कर्शितृ ३,६४
कल्याणवाला १,८०७ कर्षक १,५०६ उ.५,५ उ.. कल्ल १,८१५ कर्पू १,५०६ उ.॥५,५ उ. कल्लित १,८१५
कल्लोल १,८१५ उ. कल १,८१४।५,४५१९,१२९
कवक २,२८ उ. कलङ्क १,८८८उ.।५,२० उ. कवि १,६९० उ. कलत्र १,१०३४ उ.५,४५ उ. कशा १,४९० कलना १,८१४
कशितृ १,४९० कलम १,८१४ उ.१५,४५उ कशेरु ८,२४ उ. कलल १,८१४ उ. कश्मीर १,४९० उ. कलह २,४२,७३१५,४५ उ. कष १,५०७ कला २,८९४ ..
कषि १,५०७ उ. कलापक १,२ उ. कषीका १,५०७ उ. कलाय १,८१४ उ. कस १,९८७ कलि १,८१४ उ.५,४५ उ. | कसितृ १,९८७ कलिका १,८१४ च उ. काक १,३६ उ., ६१८ कलित १,८१४
काकादन २,१ . कलिल १८१४ उ. काकादनी २,१
काङ्क्ष १,१८६ काच १,६४९ काञ्चन १,६५० उ. काश्चि १,६५० उ. काश्चिक १,६५० [उ.] काट १,१७४ काण १,२७०२,१७० काणुक १,२७० उ. काणूक १,२७० उ. काण्ड १,२७० उ. कातृ १,३६ कान्ति १,७८९ कान्दम् १,१००६ काव्य १,७६७ काम १,७८९ कामदुघ २,६९ कामन १,७८९ कामना १,७८९ कामयान १,७८९ कामयित १,७८९ कामल १,७८९ उ. कामुक १,७८९ काम्य १,७८९ काय ४,५ कारण १,८८८ कारा १,८८८ काराल १,८८८ उ. कारि १,८८८ उ. कार १,८८८ उ.. कार्य १,८८८ कार्षक १,५०६ उ. १५,६ उ.

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