Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 5
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

Previous | Next

Page 429
________________ ४१२ धर्मशास्त्र का इतिहास अध्याय ५७ में राम, विष्णु, ब्रह्मा, इन्द्र, शिव, बुद्ध, जिन, सूर्य, लिंग, माता देवी, यम की मूर्तियों तथा अध्याय ६८ में पाँच प्रकार के मनुष्यों, यथा-हंस, शश, रुचक, भद्र एवं मालव्य की मूर्तियों तथा उनके शारीरिक रूपों का विवेचन है । ऐसे अन्य ग्रन्थ भी हैं, यथा--भोज का युक्तिकल्पतरु, सोमेश्वर की अभिलषितार्थचिन्तामणि (अन्य नाम मानसोल्लास), शिल्परत्न (त्रिवेन्द्रम् संस्कृत सीरीज ) एवं मयमत (त्रिवेन्द्रम संस्कृत सीरीज)। भारतीय कला की अपनी विशेषताएँ हैं। प्राचीन चित्रकारियाँ अजन्ता की गुफाओं, ग्वालियर की बाघगुफाओं एवं श्रीलंका में सिगिरिय की गुफाओं में पायी जाती हैं । स्थानाभाव से हम भारतीय कला, विशेषतः चित्रकारी एवं तक्षण-शिल्प के विषय में कछ विशेष नहीं लिख सकेंगे। वास्तुकला, मूर्तिनिर्माण कला, चित्रकला आदि के विषय में बहुत से ग्रन्थ प्रकाशित हैं, कुछ के नाम नीचे दिये जाते हैं - (१) ई० बी० हैवेल कृत 'इण्डियन स्कल्पचर एण्ड पेंटिंग (लण्डन, १६०८) । (२) वी० ए० स्मिथ कृत 'हिस्ट्री आव फाइन आर्ट इन इण्डिया एण्ड सीलोन' १६११ । (३) ए० फाउचर कृत 'बिगनिंग्स आव बुद्धिस्ट आर्ट' (१६१७) । (४) आनन्द के० कुमारस्वामी कृत 'हिस्ट्री आव इण्डियन एण्ड इण्डोनेशियन आर्ट' (१६२७) (५) औंध के प्रमुख शासक बालासाहब पन्त प्रतिनिधि कृत 'एलोरा' (६) जेम्स फर्ग्युसन कृत 'हिस्ट्री आव इण्डियन एण्ड ईस्टर्न आर्कीटेक्चर' खण्ड १ एवं २, लण्डन १६१० (७) टी० ए० गोपीनाथ राव कृत 'ऐलिमेण्ट्स आव् हिन्दू इकोनोग्रफी', खण्ड १ एवं २, मद्रास (१६१४, १६१६)। (८) डा. मिसकैमिश्च कृत 'दि आर्ट आव इण्डिया' (स्कल्पचर, पेंटिंग, आर्कीटेक्चर), लण्डन, फैडन प्रेस, १६५४। (६) डा० मिस निश्च 'इण्डियन स्कल्पचर' (१९३३) । (१०) रेने प्रोसेट कृत 'दि सिविलिजेशन आव दि ईस्ट' जिल्द २ (इण्डिया)। (११) ए० वी० टी० अश्यर कृत 'इण्डियन आर्कीटेक्चर', तीन खण्डों में (मद्रास) । (१२) आनन्द के० कुमारस्वामी कृत 'एलिमेण्ट्स आव बुद्धिस्ट आइकोनोग्रफी' एवं 'डांस आव शिव।' (१३) डी० वी० तारपोरवाला एण्ड संस द्वारा प्रकाशित 'इण्डियन आर्कीटेक्चर' । (१४) बेंजामिन रोलण्ड कृत 'दि आर्ट एण्ड आर्कीटेक्चर आव इडिया' (बुद्धिस्ट, हिन्दू, जैन), १६५६ । १५) हीनरिख जिम्मर कृत 'मिथ्स एण्ड सिम्बल्स आव इण्डियन आर्ट एण्ड सिविलिजेशन' । अल्फ्रेड नवरफ कृत 'इम्मॉर्टल इण्डिया', १६५६ । 10 गोट्ज कृत 'फाइव थाउजेण्ड इयर्स आव इण्डियन आर्ट', १६५६ । सर जॉन मार्शल कृत 'बद्धिस्ट आर्ट आव गान्धार', खण्ड १, मेम्बायर्स आव आालॉजिकल डिपार्टमेण्ट आव पाकिस्तान, १६६०, 'टैक्सिला' तीन खण्डों में, 'गाइड टु टैक्शिला' १६६० (चौथा संस्करण)। दक्षिण भारत की वास्तुकला एवं मूर्तिकला की अपनी विशेषताएँ हैं । तत्सम्बन्धी कुछ विशिष्ट ग्रन्थ ये हैं--- जी० जे० डुबेइल कृत 'विडियन आर्कीटेक्चर', १६१७, सी० शिवराममूर्ति कृत 'महाबलिपुरम्', बी० सी० गांगुली कृत 'आर्ट आव पल्लवज़।' संगीत पर भी कुछ ग्रन्थ हैं, यथा-ए० एच० फॉक्स स्टैंग्वे कृत 'म्यूजिक आव हिन्दुस्थान' (१६१४, आक्सफोर्ड), ऐलेन डेनिलो कृत 'नार्दर्न इण्डियन म्यूज़िक' । खण्ड १ एवं २ (लण्डन, १६४६, १६५४), एच० ए० पोप्ले Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452