Book Title: Deepratnasagarji ki 585 Sahitya Krutiya ke 31 Folders ka Parichay Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar View full book textPage 8
________________ नमो नमो निम्मलदंसणस्स Folder - 05 Veerstava Meaning with Details AagamSootra English Translations.Net कुल किताबें +11 भाषा- अंग्रेजी कुल पृष्ठ 410 इस पांचवे फोल्डर में हमारे 11 प्रकाशनों को सम्मिलित किया है और A-4 की साईझ में, वर्ड के प्रोग्राम में तैयार किया हुआ एक Net publication है | आप अगर इसे देखना चाहे तो इंटरनेट पर 'www.jainelibrary.org' खोलकर, search में जा कर Deepratnasagar लिखिए और पाइए मेरे सभी प्रकाशन 'टोटल फ्री' | हमने 'Aagam-Sootra English Translations' नाम से इस सीरीझ का आरंभ किया था, 45 आगम के इंग्लिश-अनुवाद कार्यमें मै 11 आगम का अनुवाद कार्य कर शका हुं, ईसीलिए अभी 11 Publications ही मैंने Net पर रक्खे है, शरीर का साथ मिला तो बाकी आगमो का Translation भी करने की भावना है | मैने English Translations करते वक्त एक मर्यादा का अनुभव किया है - जैन पारिभाषिक-शब्दों का मूल भाव न बिगड़े इस तरह अनुवाद करना कभी कभी मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन होता है, ऊस वक्त मूल शब्द को ही अवतरण चिह्न या इटालिक टाइप में रखना पड़ता है, कहीं कहीं तो ऐसा भी महेसुस हुआ | है की सांस्कृतिक तफावत के कारण हम दूसरी भाषावालो को यथायोग्य सूत्र-भाव पहुंचा ही नहीं शकते है। इन सभी कारणों से आगे का कार्य रुक गया है, English में सुव्यवस्थित परिभाषाए प्रस्तुत करने के बाद ही अब ये कार्य संपन्न हो शकता है हालांकि वर्तमानयुगमें 'आगम-अंग्रेजी-अनुवाद' का होना आवश्यक है ये एक net-publication है जिसे कोई भी फ्री डाउनलोड कर शकता है -मुनि दीपरत्नसागर TAMunnaonratnecesarla FOR DAlhe 0120-Decial Mobile: +91-9825967397 Email: jainmunideepratnasagar@gmail.com दीपरत्नसागर की 585 साहित्य...... Page 8 of 36 तियाँ के 31 फोल्डर्स का परिचयPage Navigation
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